सोमवार को आसमान में 800 साल बाद दिखेगा अनोखा नजारा, बेहद करीब नजर आएंगे बृहस्पति और शनि ग्रह

हमारे सौरमंडल (Solar System) में सैकड़ों ग्रह मौजूद हैं लेकिन इंसान (Human) या वैज्ञानिक (Scientist) अब तक सिर्फ आठ ग्रहों का ही पता लगा पाए हैं. इसीलिए दुनियाभर के सैकड़ों वैज्ञानिक इन ग्रहों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे है. जिस पर हर साल अलग-अलग देश लाखों-करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं. आसमान हमारे और इंसानी सभ्यता के लिए हमेशा से रहस्यों भरा रहा है. जिसके सभी रहस्यों को जान पाना इंसान के बस की बात नहीं है.
हर साल सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) और चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) ऐसे ही रहस्य हैं. सोमवार यानी 21 दिसंबर 2020 को आसमान में आपको एक ऐसा नजारा देखने को मिलेगा जिसे आपने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा होगा. क्योंकि ऐसा नजारा 800 साल बाद एक बार फिर से आसमान में देखने को मिलेगा. दरअसल, सोमवार को सौरमंडल के दो सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि (Jupiter and Saturn) एक दूसरे के बेहद नजदीक दिखाई देंगे.
इसे सौरमंडल में बड़ी खगोलीय घटना के तौर पर देखा जा रहा है. कल यानी सोमवार को जब आप धरती से आसमान की ओर देखेंगे तब ये दोनों ग्रह एक ही समान दिखेंगे, क्योंकि इनके बीच की दूरी कल सोमवार को सबसे कम होगी. बता दें कि ये दोनों ग्रह इससे पहले 17वीं शताब्दी में महान खगोलविद गैलीलियो के जीवनकाल में इतने पास आए थे. इसे 'क्रिसमस स्टार' या 'स्टार ऑफ बैथलहम' का नाम से भी जाना जाता है.
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वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों ग्रहों के बीच अनुमान के मुताबिक, सिर्फ 0.1 डिग्री की दूरी रहेगी. आसमान में ये बेहतरीन नजारा सूर्यास्त के बाद दुनियाभर में देखा जा सकता है. यह घटना 21 दिसंबर 2020 यानी सोमवार को होने जा रही है. बता दें कि 21 दिसंबर को ही साल का सबसे छोटा दिन माना जाता है. नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि बृहस्पति और शनि एक दूसरे से 400 मिलियन मील दूर है. ये दोनों रात को आकाश में लाइट का एक 'रेडिएंट पाॅइंट' बनाएंगे, जिसे धरती से खुली आंखों के देखा जा सकेगा.
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कल आसमान में दिखने वाला ये नजारा लोगों के लिए लाइफटाइम इवेंट जैसा होगा. इससे पहले जुलाई 1623 में दोनों ग्रह इतने करीब आए थे लेकिन सूर्य के नजदीक होने की वजह से इस खगोलीय घटना को देखा नहीं जा सका था. उससे पहले मार्च 1226 में भी दोनों ग्रह करीब आए थे और इस घटना को धरती से देखा जा सकता था. इसके बाद ये पहला मौका है जब इस तरह की खगोलीय घटना को देखा आसमान में देखा जा सकेगा.
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First published: 20 December 2020, 16:28 IST