50 शिक्षकों ने बच्चों के भविष्य के लिए खपा दी ज़िन्दगी, अब PM मोदी से मांग रहे इच्छामृत्यु

झारखण्ड के घाटशीला के 50 से अधिक शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है. इन शिक्षकों ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें पिछले 14 सालों से वेतन नहीं मिला है. एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में गणेश चौधरी ने लिखा है कि ''माननीय प्रधानमंत्री जी मैं लोक कल्याणकारी भारत सरकार के सार्वजनिक प्रतिष्ठान हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड/ आईसीसी कोलकाता के घाटशिला (झारखण्ड) यूनिट की कंपनी के अंगीभूत 1972 में स्थापित सुरदा माइंस उच्च विश्व विद्यालय में शिक्षण कार्य करता रहा हूँ''.
पत्र में लिखा है ''विगत 14 सालों से मुझे वेतन नहीं दिया जा रहा है और मैं परिवार समेत भूखे मरने को मजबूर हूँ. अतः महामहिम से विनम्र निवेदन है कि मेरे आवेदन पत्र पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए बकाये वेतन की भुगतान की व्यवस्था करवाकर हमें कृतार्थ करने की कृपा की जाये या परिवार सहित मृत्यु को आवरण करने का आदेश निर्गत करने की कृपा करें''. शिक्षकों ने राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा है.
सुरदा माइंस के वर्करों के बच्चों के लिए गणेश चौधरी ने अपनी पूरी ज़िन्दगी खपा दी लेकिन इनमे गणेश चौधरी अकेले नहीं बल्कि ऐसे 50 से ज्यादा शिक्षक हैं जो इच्छा मृत्यु मांग रहे हैं. 2 सितंबर 2002 को हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड -आईसीसी ने आर्थिक आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सूरदा खान और स्कूलों को बंद कर दिया. जबकि सुरदा खान कार्यकर्ता और अधिकारियों को वीआरएस के तहत भुगतान किया गया था लेकिन स्कूल के शिक्षक लाभ से आज भी वंचित थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षक भी अदालत में गए लेकिन आगे की सुनवाई के लिए वह तारीख नहीं मिली. वर्तमान में एचसीएल-आईसीसी कंपनी ने फिर से बंद खानों को खोला है लेकिन स्कूल बंद हैं. इन शिक्षकों की स्थिति इतनी गंभीर है कि वर्तमान में घाटशीला यूनिट हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की 50 से ज्यादा शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इच्छामृत्यु की मांग कर रहे हैं. बता दें कि झारखंड का घाटशीला अपने यूरेनियम और तांबा खानों के लिए जाना जाता है.
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First published: 17 April 2018, 12:58 IST