15 साल से देश में बिक रही थी पेटदर्द और बुखार की जहरीली दवाइयां, मोदी सरकार ने की बड़ी कार्रवाई

केंद्र की मोदी सरकार देश में 15 साल से बिक रही पेटदर्द और बुखार की 80 अवैध दवाईयां बंद करने जा रही है. बाजार में करीब 15 साल से पेटदर्द, बुखार, ब्लड प्रेशर और अनिद्रा जैसी बीमारियों की 80 दवाएं बनाने या बेचने की अनुमति केंद्र सरकार से नहीं ली गई थी. इन दवाओं को बनाने के लिए सिर्फ राज्य सरकारों से कंपनियों ने लाइसेंस के लिए अनुमति ली थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 जनवरी को नोटिफिकेशन छपने के लिए भेज दिया है. जल्द ही यह गजट नोटिफिकेशन आ जाएगा. मंत्रालय के मुताबिक, इन दवाओं पर बैन उसी दिन से प्रभावी माना जाएगा. बता दें कि ये दवाएं दूसरी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले सॉल्ट से मिलकर बनाई जा रही हैं. जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा कर सकती हैं.

जिन दवाओं पर बैन लगा उन्हें इन्टास, एबॉट, एरिस्टो, एल्केम, सिप्ला, मैनकाइंड जैसी कंपनियां बना रही थीं. इनमें कई छोटी कंपनियां भी हैं, जो अलग-अलग बीमारियों की दवाओं को कंबाइंड कर एक टैबलेट बना रही हैं, ताकि अलग-अलग दवाएं न बनानी पड़ें.

बता दें कि विकसित देशों में ऐसी दवाएं बनाना अपराध है. भारत जैसे कुछ विकाससील देशों में ही इस मामले में काफी ढील बरती जाती रही है. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने बताया कि नई दवा को बाजार में लाने के लिए सबसे पहले सीडीएससीओ से अनुमति लेनी पड़ती है.
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सीडीएससीओ अनुमति देने से पहले उस दवा की क्वालिटी और शरीर पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करती है. लेकिन हमारे देश में बन रही इन 80 दवाओं के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई. स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर ने अपने स्तर पर कंपनियों को मंजूरी दे दी. यह बात अब सामने आई है.
First published: 17 January 2019, 16:10 IST