10 साल पहले की विकसित हो जाती एंटी-सैटेलाइट मिसाइल विकसित, UPA ने नहीं दी अनुमति : जेटली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण की घोषणा के बाद हो रही राजनीति पर वित्त मंत्री जेटली ने जवाब दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था और चुनावी स्टंट नहीं. उन्होंने कहा यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और इसलिए विपक्ष को चुनावी स्टंट के रूप में इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. वित्त मंत्री ने पिछली संप्रग सरकार पर देश की स्वयं की उपग्रह रोधी मिसाइल बनाने की अनुमति नहीं देने का भी आरोप लगाया.
जेटली ने कहा कि जब भारत ने अप्रैल 2012 में अग्नि- V मिसाइल का परीक्षण किया था, तब DRDO प्रमुख वीके सारस्वत ने कहा था कि भारत अब एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल विकसित कर सकता है, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी. उन्होंने कहा "भारतीय वैज्ञानिकों के पास एक दशक पहले एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल बनाने की क्षमता थी, तब सरकार ने कभी अनुमति नहीं दी,"
इससे पहले टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया पर देश के लिए एक प्रसारण में पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के साथ अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक हिट करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है. मिशन का विवरण देते हुए जेटली ने कहा, “2014 में पीएम की अनुमति के बाद प्रक्रिया शुरू हुई. न केवल हम अंतरिक्ष शक्ति बन गए हैं बल्कि अब हम चार बड़े देशों में शामिल हो गए हैं. जबकि मिशन शक्ति पर DRDO को राहुल गांधी ने दी बधाई और PM को 'विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाएं'. ममता, मायावती ने पीएम की घोषणा को मॉडल कोड का उल्लंघन बताया.
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First published: 27 March 2019, 17:04 IST