जब अटल बिहारी वाजपेयी ने बिना किसी हथियार के पाकिस्तान पर किया था बड़ा हमला

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज हमारे बीच नहीं रहे. गुरुवार शाम उनका दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. आज भाजपा के मुख्यालय में भारत के इस महान नेता का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. शाम 4 बजे वाजपेयी की अंत्येष्टि दिल्ली स्थित स्मृति स्थल में की जाएगी.
अटल बिहारी वाजपेयी की सक्रियता जितनी ही राजनीति में थी उतनी ही गंभीरता उनकी कविताओं में भी देखने को मिलती है. अटल बिहारी वाजपेयी ने देश प्रेम पर कई कविताएं लिखी. सोशल मीडिया में वाजपेयी की कुछ कविताएं काफी शेयर की जा रही हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की पाकिस्तान पर लिखी हुई एक कविता बहुत शेयर हो रही है. इस कविता में वाजपेयी ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है. इसमें देश के दुश्मन माने जाने वाले पाकिस्तान को अटल जी ने जमकर कोसा है.
पढ़िए पाकिस्तान पर लिखी अटल बिहारी वाजपेयी की ये कविता
एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते, पर स्वतन्त्र भारत का मस्तक नहीं झुकेगा।
अगणित बलिदानो से अर्जित यह स्वतन्त्रता, अश्रु स्वेद शोणित से सिंचित यह स्वतन्त्रता ।
त्याग तेज तपबल से रक्षित यह स्वतन्त्रता, दु:खी मनुजता के हित अर्पित यह स्वतन्त्रता ।
इसे मिटाने की साजिश करने वालों से कह दो, चिनगारी का खेल बुरा होता है ।
औरों के घर आग लगाने का जो सपना, वो अपने ही घर में सदा खरा होता है ।
अपने ही हाथों तुम अपनी कब्र ना खोदो, अपने पैरों आप कुल्हाडी नहीं चलाओ।
ओ नादान पडोसी अपनी आँखे खोलो, आजादी अनमोल ना इसका मोल लगाओ।
पर तुम क्या जानो आजादी क्या होती है? तुम्हे मुफ़्त में मिली न कीमत गयी चुकाई ।
अंग्रेजों के बल पर दो टुकडे पाये हैं, माँ को खंडित करते तुमको लाज ना आई ?
अमरीकी शस्त्रों से अपनी आजादी को दुनिया में कायम रख लोगे, यह मत समझो ।
दस बीस अरब डालर लेकर आने वाली बरबादी से तुम बच लोगे यह मत समझो ।
धमकी, जिहाद के नारों से, हथियारों से कश्मीर कभी हथिया लोगे यह मत समझो ।
हमलो से, अत्याचारों से, संहारों से भारत का शीष झुका लोगे यह मत समझो ।
जब तक गंगा मे धार, सिंधु मे ज्वार, अग्नि में जलन, सूर्य में तपन शेष,
स्वातन्त्र्य समर की वेदी पर अर्पित होंगे अगणित जीवन यौवन अशेष ।
अमरीका क्या संसार भले ही हो विरुद्ध, काश्मीर पर भारत का सर नही झुकेगा
एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते, पर स्वतन्त्र भारत का निश्चय नहीं रुकेगा ।
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