Babri Masjid case Verdict : अदालत के फैसले पर क्या बोले- अडवाणी, जोशी, किसने क्या प्रतिक्रिया दी, यहां पढ़िए

Babri Masjid Demolition Case Verdict : लखनऊ की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की अदालत ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक साजिश का निर्णायक सबूत नहीं था. अदालत ने यह भी कहा कि विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था. बाबरी विध्वंस के 32 आरोपियों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, विनय कटिया और साध्वी ऋतंभरा शामिल हैं. आडवाणी, जोशी, उमा भारती, आज अदालत में उपस्थित नहीं थे.
I wholeheartedly welcome the judgement by the Special Court in #BabriMasjidDemolitionCase. The judgement vindicates my personal and BJP's belief and commitment toward the Ram Janmabhoomi movement: Lal Krishna Advani after being acquitted by Special CBI Court, Lucknow pic.twitter.com/7E95Q1vCNp
— ANI (@ANI) September 30, 2020
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला आने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के घर के बाहर लड्डू बांटे गए. अडवाणी ने कहा ''स्पेशल कोर्ट का आज का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है, जब ये समाचार सुना तो जय श्री राम कहकर इसका स्वागत किया''. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को ध्वस्त कर दिया गया था. 2,000-पृष्ठ के फैसले के कुछ हिस्सों को पढ़ते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत को सौंपे गए ऑडियो और वीडियो को सत्यापित करने का कोई तरीका नहीं था और कहा कि अज्ञात असामाजिक तत्वों ने मस्जिद को ध्वस्त कर दिया, यह पता नहीं चल पाया कि वह कौन थे.
It's a historic decision by the court. This proves that no conspiracy was hatched for December 6 incident in Ayodhya. Our program and rallies were not part of any conspiracy. We are happy, everyone should now be excited about Ram Mandir's construction: Murli Manohar Joshi, BJP https://t.co/dwpyHkDM6X pic.twitter.com/2Uf5WrINZp
— ANI (@ANI) September 30, 2020
फैसले पर किसने क्या प्रतिक्रिया दी
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले परलाल कृष्ण आडवाणी के वकील विमल श्रीवास्तव ने कहा सभी आरोपी बरी कर दिए गए हैं, साक्ष्य इतने नहीं थे कि कोई आरोप साबित हो सके. बाबरी मस्जिद के पक्षकार इक़बाल अंसारी ने इस फैसले का स्वागत किया है.
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ''लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी,कल्याण सिंह, डॉ.मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं. इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है''.
बाबरी विध्वंस मामले पर अदालत के फैसले पर मुरली मनोहर जोशी ने कहा ''निर्णय इस बात को सिद्ध करता है कि 6 दिसंबर को अयोध्या में हुई घटनाओं के लिए कोई षड्यंत्र नहीं था और वो अचानक हुआ. इसके बाद विवाद समाप्त होना चाहिए और सारे देश को मिलकर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए''.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा ''सत्यमेव जयते! CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है. तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों,बीजेपी नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया. इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए''.
शिवसेना की ओर से इस फैसले पर संजय राउत ने कहा ''न्यायालय ने जो कहा है कि ये कोई साजिश नहीं थी, ये ही निर्णय अपेक्षित था. हमें उस एपिसोड को भूल जाना चाहिए, अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है. अगर बाबरी का विध्वंस नहीं होता तो आज जो राम मंदिर का भूमिपूजन हुआ है वो दिन हमें देखने को नहीं मिलता''.
First published: 30 September 2020, 14:23 IST