उन्नाव गैंगरेप केस: BJP विधायक का गांव में है इतना खौफ कि पीड़ित परिवार गांव लौटने को राजी नहीं

उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप का आरोप लगा है. आरोप है कि उसने 17 साल की लड़की का अपने भाई के साथ मिलकर बलात्कार किया. इसके बाद पीड़िता के पिता को ही यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पिटाई के बाद पिता की मौत हो गई.
पीड़िता के पिता की विधायक के भाई व गुर्गों ने इतनी बेरहमी से पिटाई की थी कि पीठ पर गहरे जख्म हो गए थे. पैरों से भी खून बह रहा था. न्यायिक हिरासत में पीड़ित के पिता की मौत के बाद वायरल वीडियो में इसकी पुष्टि हुई है. जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मेडिकल परीक्षण के दौरान 3 अप्रैल की रात वीडियो बनाया गया था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी बेरहमी से पिटाई का कारण स्पष्ट हुआ है. रिपोर्ट में आया है कि पिता के शरीर पर 14 चोटों के निशान थे. पिता की पीठ, बाएं हाथ, कूल्हा, जांघ व दाहिने पैर में गहरी चोटें पाई गई थीं. आंत में भी घाव हो गया था. इससे शरीर में संक्रमण फैल गया था. समय से इलाज न मिलने से उनकी मौत हुई. इस घटना के बाद यूपी की राजनीतिक हलकों मेें हड़कंप मचा हुआ है.
यूपी पुलिस ने इस मामले में विधायक के भाई को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन उन्नाव जिले से केवल 15 किमी दूर माखी गांव में भाजपा विधायक का खौफ इतना है कि अब भी पीड़िता और उसके घर वाले गांव लौटने को राजी नहीं हैं. परिवार वाले अपने जीवन के लिए डरते हैं.
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परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हें अपने जान का डर है. कुलदीप सिंह सेंगर और उसके गुर्गे उन्हें जान से मार देंगे. उन्नाव जिला मजिस्ट्रेट रवि कुमार ने उन्हें सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था की है. जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों के कहने पर हमने उन्हें ठहरने की व्यवस्था की है.
पीड़िता की मां का कहना है कि जब तक स्थिति नॉर्मल नहीं हो जाती हम गांव वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक और उसके गुर्गे हमारे साथ कुछ भी कर सकते हैं और गांव में किसी की हिम्मत नहीं है कि वह विधायक के गुर्गों के सामने कुछ बोल सके. गांव का कोई भी व्यक्ति विधायक के खिलाफ जाकर हमारे लिए आवाज नहीं उठाएगा. विधायक ने प्रशासन को भी अपनी जेब में पकड़ रखा है.
विधायक की पत्नी संगीता सिंह सेंगर उन्नाव की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और उनके भाई अतुल सिंह की पत्नी अर्चना सिंह गांव की प्रधान हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, माखी गांव में कोई भी विधायक के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है. ज्यादातर लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं. एक स्थानीय निवासी अर्जुन सिंह ने बताया कि विधायक का अधिकारियों के साथ मिलीभगत है. विधायक के ही कहने पर पीड़िता के पिता पर एफआईआर दर्ज की गई.
एक अन्य निवासी राकेश सिंह का कहना है कि 3 अप्रैल को लड़की के पिता पर हमला किया गया. विधायक के गुर्गों ने स्थानीय पुलिस को बुलाया था और उन्हें मामले से दूर रहने को कहा गया था. इसके बाद वह पीड़िता के पिता को विधायक के घर ले गए और घर के बाहर लाठी-डंडों से जमकर पीटा. यह कई लोगों की मौजूदगी में हुआ लेकिन उसे बचाने की किसी की हिम्मत नहीं हुई.
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कुलदीप सिंह सेंगर चार बार से विधायक हैं. उन्होंनेे कई बार पार्टी और विधानसभा क्षेत्र बदला है. इसलिए उनकी पहचान दलबदलू नेता की है. सेंगर ब्राह्मण बहुल ज़िला उन्नाव के प्रभावी ठाकुर नेता हैं. उन्हें कुंडा के बाहुबली विधायक और राजा भैया का करीबी माना जाता है. 51 साल के सेंगर ने 2002 में राजनीति में क़दम रखा. तब सेंगर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर उन्नाव सदर से विधायक चुने गए थे.
2007 विधानसभा चुनाव से पहले सेंगर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. 2007 में सेंगर ने बांगरमऊ से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद 2012 में वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर भगवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से चुवाव लड़े और यहां भी जीते. इसके बाद वह साल 2017 में भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें बांगरमऊ से उम्मीदवार बनाया. जिसमें उन्हें जीत मिली.
First published: 11 April 2018, 9:15 IST