खतरनाक बीमारी की चपेट में अमित शाह, मेक्सिको से आए इस फ्लू से हर महीने हो रही सैकड़ों की मौत

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं. इस वजह से उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अमित शाह ने ट्वीट किया, "मुझे स्वाइन फ्लू हुआ है, जिसका उपचार चल रहा है. ईश्वर की कृपा, आप सभी के प्रेम और शुभकामनाओं से शीघ्र ही स्वस्थ हो जाऊंगा.”
बता दें कि अमित शाह को छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद एम्स ले जाया गया था, जहां जांच के बाद उन्हें स्वाइन फ्लू की पुष्टि की गई.
बता दें कि स्वाइन फ्लू दुनिया की कुछ खतरनाक बीमारियों में से एक है जिसकी चपेट में आ जाने से हर महीने सैकड़ों लोग काल की गाल में समा जाते है. अकेले जयपुर में पिछले साल जनवरी महीने में 53 लोग स्वाइन फ्लू के प्रकोप से मौत के हवाले हो गए थे.
मुझे स्वाइन फ्लू हुआ है, जिसका उपचार चल रहा है। ईश्वर की कृपा, आप सभी के प्रेम और शुभकामनाओं से शीघ्र ही स्वस्थ हो जाऊंगा।
— Amit Shah (@AmitShah) January 16, 2019
स्वाइन फ्लू सांस से जुड़ी बीमारी है. यह इंफ़्लुएंज़ा टाइप A से होता है. इसका वैज्ञानिक नाम H1N1 है. कई देशों में इससे बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं. ये टीके सभी लोगों को नहीं, लेकिन उनको लगाए जाते हैं जिन्हें कुछ दूसरी बीमारियों की वजह से अधिक ख़तरा होता है. ये सुअरों को आम तौर पर पाया जाने वाला फ़्लू है.
स्वाइन फ़्लू साल 2009 में मैक्सिको में पाया गया थे. इसके बाद से लेकर अब तक करीब सौ देश इसकी चपेट में आ गए हैं. इस वायरस के जींस उत्तरी अमरीका के सूअरों में पाए जाने वाले जींस जैसे होते हैं इसलिए इसे स्वाइन फ़्लू कहा जाने लगा.
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ये इंसान से इंसान के बीच भी फैलता है, ख़ास तौर खांसने और छींकने पर. आम तौर पर होने वाला जुकाम भी H1N1 से ही होता है लेकिन स्वाइन फ़्लू एच1एन1 की एक खास किस्म से संक्रमित होने के कारण होता है.
लक्षण-
इसके लक्षण आम फ़्लू से मिलते ही हैं, इसकी पहचान सिर्फ खून की जांच से ही संभव है. इसके प्रमुख लक्षण में सिर में दर्द, अचानक तेज़ बुखार, गले में खराश, खांसी, बदन में दर्द, सांस लेने में दिक्कत आदि हैं. कई लोगों को इसकी वजह से पेट में दर्द, डायरिया, भूख न लगने, नींद न आने और उल्टियां आने की शिकायत हो सकती है. स्वाइन फ़्लू के गंभीर संक्रमण के कारण शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं, इस कारण मौत हो सकती है.
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बचाव-
स्वाइन फ़्लू से बचने का सबसे सही तरीका है स्वच्छता के नियमों का पालन करना. भीड़-भाड़ वाली जगहों या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें और खांसते-छींकते वक्त मुंह और नाक को रुमाल से ढंकें. दूसरों से भी ऐसा ही करने के लिए कहें. फ्ल़ू से प्रभावित व्यक्ति से अधिकतम दूरी बनाकर रखें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर मास्क लगाएं
इलाज संभव-
डॉक्टरों ने बताया कि इसका इलाज संभव है. इसके मरीज़ का उपचार टैमीफ़्लू और रेलेन्ज़ा नामक वायरसरोधी दवा से शुरुआती अवस्था में किया जाता है. इसमें आराम करने, भरपूर पानी पीने और शरीर को गर्म रखने की जरूरत होती है. डॉक्टर शरीर के दर्द के लिए ब्रुफ़ेन जैसी दवा देते हैं वहीं बुखार को कम करने के लिए पैरासीटामोल दिया जा सकता है.
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स्वाइन फ्लू समय के साथ ठीक होने वाली बीमारी है लेकिन अगर व्यक्ति को दमा या निमोनिया जैसी बीमारी हो तो जटिलता बढ़ जाती है. दवाएं इस फ़्लू को रोक तो नहीं सकती पर इसके ख़तरनाक असर को कम ज़रूर कर सकती है.
First published: 17 January 2019, 14:10 IST