बजट 2018: महिलाओं को मजबूत करेगी मोदी सरकार, इन मुद्दों पर करना होगा फोकस

सैनेटरी पैड को जीएसटी से बाहर रखने की मांग के साथ महिलाओं की बजट से बहुत-सी उम्मीदें बंधी हैं. मसलन, महिलाएं चाहती हैं कि बजट में महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए राशि आवंटित नहीं होनी चाहिए, बल्कि महिला सुरक्षा को बजट में खास तवज्जो मिले. निर्भया फंड में सुरक्षा के नाम पर आवंटित राशि दोगुनी किए जाने की जरूरत है. रसोई में इस्तेमाल होने वाली रोजमर्रा की चीजें सस्ती हों. बजट में स्त्री शिक्षा पर अधिक खर्च हो और महिला किसानी को सुगम बनाया जाए.
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, "मैं चाहती हूं कि इस बार बजट में महिला सुरक्षा के नाम पर ज्यादा पैसा आवंटित किया जाए. निर्भया फंड दोगुना होना चाहिए. महिला अपराधों के निपटारे के लिए अधिक संख्या में त्वरित अदालतों के लिए धन आवंटित हो. स्त्री शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए. बजट में महिलाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को तरजीह दी जानी चाहिए."
दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह शुक्ला ने आईएएनएस को बताया, "सैनेटरी पैड से जीएसटी हटाना चाहिए, ताकि हर तबके की महिलाएं इसका इस्तेमाल कर सकें. महिला इस्तेमाल की चीजों पर विशेष ध्यान की जरूरत है. महिला अपराध से जुड़े मामलों से निपटने के लिए त्वरित अदालतें खोलने पर अधिक धनराशि आवंटित होना चाहिए. उम्मीद करती हूं कि राष्ट्रीय बालिका माध्यमिक शिक्षा प्रोत्साहन योजना और एकीकृत बाल विकास सेवाओं में किशोरियों के लिए बड़े ऐलान होंगे."
महिला करदाताओं की मांग है कि सरकार उन्हें बजट में कुछ ज्यादा कर छूट दे. पेशे से शिक्षिका प्रतिभा डबास कहती हैं, "महिलाओं को बजट में अधिक कर छूट मिलनी चाहिए, विशेष रूप से बच्चे का अकेले लालन-पालन कर रहीं महिलाओं को इसका लाभ मिलना ही चाहिए."
First published: 1 February 2018, 10:37 IST