Budget 2019: पिछड़ गई मोदी सरकार, इन राज्यों की सरकारें पहले ही किसानों की करती हैं कैश मदद

मोदी सरकार अपने अंतिम बजट में किसानों को आर्थिक मदद देने वाली योजना लाई है. लेकिन कहा जा रहा है कि यह काफी हद तक तेलंगाना में पिछले वित्त वर्ष में घोषित की गई स्कीम जैसी ही है. दरअसल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश करते हुए किसानों को छह हजार रुपए सालाना देने का ऐलान किया.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में दो हेक्टेयर तक की जमीन वाले किसानों को सालाना छह हजार तक मदद करने का ऐलान किया. योजना में करीब 75 हजार करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है. मोदी सरकार ने इस योजना को 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' नाम दिया है.
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पीयूष गोयल के मुताबिक करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को इसका फायदा होगा. इसके अतिरिक्त प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत राशि में दो फीसदी छूट दी जाएगी. सरकार समय से लोन चुकाने वाले किसानों को तीन फीसदी की अतिरिक्त छूट भी देगी.
मोदी सरकार ने बजट में जरूर किसानों को इतनी बड़ी आर्थिक मदद करने का प्रावधान किया है लेकिन फिर भी वह कुछ राज्य सरकारों से पिछड़ गई है. दरअसल, वित्त मंत्री द्वारा घोषित की गई इस योजना को तेलंगाना में चल रही केसीआर सरकार की 'रायथू बंधु' और ओडिशा में चल रही 'कलिया' योजनाओं की कॉपी बताया जा रहा है.
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ये है तेलंगाना की 'रायथू बंधू' योजना
तेलंगाना की केसीआर सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में किसानों की मदद के लिए 12 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली 'रायथू बंधू' योजना शुरू की थी. योजना के तहत किसानों की शुरुआती लागत का ध्यान रखने, किसानों को कर्ज के जाल से बचाने और कर्ज बोझ से मुक्त करने के प्रावधान किए गए थे. केसीआर सरकार ने किसानों को चार हजार रुपए प्रति एकड़ का अनुदान देने का ऐलान किया था.
केसीआर सरकार के इस तरह की मदद का मकसद किसानों को बीज, फर्टिलाइजर्स, कीटनाशक आदि खरीदने और मजदूरी देने में मदद करना था.