CBDT ने चुनाव आयोग से कहा सांसदों और विधायकों की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक न हो

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने चुनाव आयोग से कहा है कि चुनावों से पहले गलफनामे में दी गई सांसदों और विधायकों की संपत्तियों की जानकारी पब्लिक न की जाये. आयोग ने नवंबर 2017 और अप्रैल में सीबीडीटी को लिखे गए पत्रों में इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या मतदान पैनल जनता को आरटीआई अधिनियम के तहत यह जानकारी उपलब्ध करवा सकता है या नहीं.
जिसमे अब इस बात का जिक्र किया गया है कि आरटीआई अधिनियम की धारा 24 के तहत यह प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए. आयोग ने आगे तर्क दिया है कि इस तरह के खुलासे मतदाताओं के हित में हैं और पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 125 ए के तहत निर्वाचित सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज करने या चुनाव हलफनामे में झूठी जानकारी प्रदान करने के लिए एफआईआर दर्ज करने के लिए पीड़ित या इच्छुक व्यक्तियों (जैसे उम्मीदवारों को खोने) को सशक्त बनाएंगे.
जून 2013 में सीबीडीटी ने ईसी के अनुरोध पर चुनाव हलफनामे की जांच करने का फैसला किया था, यह सत्यापित करने के लिए कि क्या उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत चल और अचल संपत्तियों की जानकारी अतीत में घोषित आय से मेल खाती है.
सीबीडीटी, ईसी के साथ अपनी व्यवस्था के अनुसार सभी सभी हलफनामों की जांच नहीं करता है. जिन मामलों में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संपत्ति पिछले चुनाव के बाद से बढ़ी है, उम्मीदवारों के जीतने के मामले इन मामलों में पैन संख्या का खुलासा नहीं किया गया.
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First published: 24 June 2018, 10:11 IST