CBI ने अपने ही दफ्तर की ली तलाशी, भ्रष्टाचार के मामले में पकडे अपने चार अफसर, पढ़िए पूरा मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को बैंक धोखाधड़ी केस में एजेंसी द्वारा कंपनियों के खिलाफ की जा रही जांच मामले में रिश्वत लेने के आरोप में अपने ही चार अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी ने दिल्ली और उसके आस-पास के 14 स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें अधिकारियों के घर और कार्यालय भी शामिल थे. सीबीआई ने अपने स्वयं के कार्यालय की भी तलाशी ली क्योंकि आरोपी कथित रूप से वहां रिश्वत लेते थे.
अधिकारियों पर आरोप लगाया गया था कि वे सीबीआई की जांच से समझौता करते हैं. सीबीआई के इन अधिकारियों की पहचान उप पुलिस अधीक्षक (Deputy Superintendents of Police) आरके ऋषि और आरके सांगवान, स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह और इंस्पेक्टर कपिल धनकड़ के रूप में की गई है. CBI द्वारा जांच की जा रही बैंक धोखाधड़ी मामले में मुंबई की एक फर्म शामिल है.
कंपनी पर 3,500 करोड़ रुपये से अधिक के बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा देने और उस पैसे से शेल कंपनियों को स्थापित करने का आरोप लगाया गया है.
सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो ने कंपनी के प्रमोटरों की मदद करने के बारे में शिकायत मिलने के बाद चार अधिकारियों पर नजर रखना शुरू किया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अधिकारियों ने कथित रूप से कंपनी के साथ इस केस के बारे में जानकारी साझा की, जिसके बदले उन्हें मासिक रिश्वत का भुगतान किया गया.
अज्ञात अधिकारियों ने अखबार को बताया कि एक पुलिस उपाधीक्षक लंबे समय से सीबीआई की बैंकिंग और सिक्योरिटीज फ्रॉड सेल के साथ लंबे समय से काम कर रहा था. पीटीआई के अनुसार, अपने स्वयं के अधिकारियों के अलावा सीबीआई ने वकीलों सहित कई लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं.
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