चीन ने पहली बार किया स्वीकार, गलवान में भारत के साथ झड़प में उसके इतने सैनिकों की हुई थी मौत

चीन ने पहली बार स्वीकार किया है कि गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत के साथ झड़प में उसके सैनिकों की मौत हो गई थी. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि पूर्वी लद्दाख में गलावन घाटी संघर्ष में उसके पांच सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे.
काराकोरम पर्वत में तैनात पांच चीनी सैनिकों को चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने भारत के साथ सीमा टकराव में उनके बलिदान के लिए फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन और मानद उपाधि दी.
मारे गए चीनी सैन्य अधिकारियों में पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फेबाओ (Qi Fabao) शामिल हैं, चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए डेली की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है.
गलवान घाटी (Galwan Valley) में पिछले साल मई में भारत-चीन सीमा पर चार दशकों में पहली बार गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इन सैनिकों में चेन होंगजुन को नायक (HERO) की मानद उपाधि दी गई है जबकि तीन अन्य सैनिक चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन दिया गया है.
इससे पहले रूस की न्यूज एजेंसी तास ने दावा किया है कि पिछले साल भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई झड़प में चीन के करीब 45 सैनिक मारे गए थे. वहीं, भारतीय सेना के एक कमांडिग अधिकारी (कर्नल) समेत 20 जवान भी इस झड़प में शहीद हुए थे.
चीन ने इससे पहले कभी आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों की मौत को स्वीकार नहीं किया था. 5 मई 2020 को भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों के साथ संघर्ष हुआ.