चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने पीएम मोदी के भाषण पर निराशा जताई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज लाल किले से दिए गए भाषण के प्रति सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने निराशा जताई है.
जस्टिस ठाकुर ने कहा, "वे उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी जजों की नियुक्ति को लेकर कुछ बोलेंगे, लेकिन बड़ी निराशा हुई कि ऐसा उनके द्वारा नहीं हुआ. जबकि यह विषय सरकार के पास विचाराधीन है."
ठाकुर ने कहा, ”मैंने पीएम मोदी का भाषण डेढ़ घंटे सुना. मुझे बहुत उम्मीद थी कि वे जजों की नियुक्ति को लेकर कुछ बोलेंगे, लेकिन पीएम ने कुछ नहीं कहा. कोर्ट में कितने सारे केस पेडिंग पड़े हैं. मैंने जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार से लगातार बात की है.”
चीफ जस्टिस ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही. इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे.
चीफ जस्टिस ठाकुर ने उदाहरण देते हुए कहा कि अंग्रेजों के जमाने में 10 साल में इंसाफ मिल जाता था, लेकिन अब तो 100 साल भी कम हैं.
इस मामले में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”न्यायपालिका को लेकर हमारा कमिटमेंट पूरा है. हम इस प्रक्रिया को पूरा करने के अंतिम चरण में हैं.”
प्रसाद ने कहा, "हम न्यायपालिका के साथ मिलकर काम करेंगे. गुड गवर्नेंस के लिए न्यायपालिका का मजबूत होना जरूरी है. न्यायपालिका में 4000 से ज्यादा वैकेंसी हैं, जो कि गंभीर चिंता की बात है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जजों की नियुक्ति के लिए मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर तैयार किया जा रहा है."
गौरतलब है कि जजों की नियुक्ति में ढिलाई पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भी सरकार को जमकर फटकारा था.
इस मामले में चीफ जस्टिस ठाकुर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था, ”जजों की नियुक्ति में रुकावट हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. इससे न्यायिक कार्यों का गला घोंटा जा रहा है. अब हम जिम्मेदारी में तेजी लाएंगे. ऐसा अविश्वास क्यों? यदि यह रुकावट जारी रही, तो हमें न्यायिक रूप से दखल देने को मजबूर होना पड़ेगा. हम कॉलेजियम की ओर से आपको भेजी गई सभी फाइलों की जानकारी लेंगे.”