कांग्रेस का आरोप, अंग्रेजों के सहयोगी और समर्थक थे संघ और जनसंघ

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (संघ) और बीजेपी की मूल संस्थापक जनसंघ पर आरोप लगाया कि जनसंघ और संघ ने आजादी के संघर्ष में अंग्रेजों का साथ दिया था.
कांग्रेस ने यह आरोप उस प्रतिक्रिया के तौर पर लगाया है, जब एक दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में बीजेपी के नए कार्यालय के शिलान्यास के अवसर पर कहा था, "ब्रिटिश शासन के तहत कांग्रेस ने जो दुश्वारियां झेली थीं, आजादी के बाद बीजेपी ने उससे कहीं ज्यादा कुर्बानियां दी हैं."
इसके जवाब में पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी को न केवल अपना यह शर्मनाक बयान वापस लेना चाहिए, बल्कि इसके लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा, "वे (संघ और जनसंघ) अंग्रेजों के सहयोगी थे."
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल के तत्कालीन गवर्नर को इस बारे में पत्र लिखा था कि अंग्रेजों द्वारा 'भारत छोड़ो आंदोलन' का मुकाबला कैसे किया जाए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, "देश के प्रधानमंत्री के लिए शोभा नहीं देता कि वह ऐसा बयान देकर अपने पद की गरिमा गिराएं जो तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है और महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल तथा उन हजारों अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाला हो, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना बलिदान दिया."
उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा 13 साल तक केंद्र की सत्ता में रही या वहां रही सरकारों में शामिल रही है या फिर बाहर से समर्थन देती रही है और ब्रिटिश शासन के समय नेहरू ने जेल में समय बिताया था."
आनंद शर्मा ने कहा, "साल 1942 की ब्रिटिश गृह विभाग की फाइल में संघ के सभी सर्कुलर हैं. बंबई के गृह सचिव ने कहा था कि संघ चतुराई से कानून के दायरे में रहा और 1942 के उतार-चढ़ाव से बचता रहा."
शर्मा ने कहा, "संघ ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' में शामिल नहीं होने का फैसला किया और इसके अलावा उसने अंग्रेजों के पक्ष में आदेश भी जारी किया कि संघ का कोई सदस्य 'भारत छोड़ो आंदोलन' में हिस्सा नहीं लेगा."
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, "मोदी जी को याद रखना चाहिए कि भारत की आजादी के बाद उनके साथी और उनकी पार्टी भारत की आजादी, भारत के संविधान, भारत के लोकतंत्र के प्रत्यक्ष लाभार्थी हैं, जिसने उन्हें, उनके साथियों, उनकी पार्टी को सशक्त किया."