अवमानना केस: प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना, नहीं भरने पर तीन महीने की होगी जेल

Contempt Case: सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की अवमानना मामले पर फैसला सुनाते हुए प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि जुर्माना नहीं भरने पर 3 महीने की जेल हो सकती है. इसके अलावा भूषण को तीन महीने के लिए वकालत से निलंबित भी किया जा सकता है.
63 वर्षीय वकील प्रशांत भूषण ने माफी मांगने अथवा पीछे हटने से यह कहते हुए इनकार किया था कि यह उनकी अंतरात्मा और न्यायालय की अवमानना होगी. प्रशांत भूषण के वकील ने तर्क दिया कि अदालत को प्रशांत भूषण की अत्यधिक आलोचना झेलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अदालत के "कंधे इस बोझ को उठाने के लिए काफी हैं.
Supreme Court imposes a fine of Re 1 fine on Prashant Bhushan. In case of default, he will be barred from practising for 3 years & will be imprisoned of 3 months https://t.co/0lMbqiizBb
— ANI (@ANI) August 31, 2020
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रशांत भूषण के खिलाफ अपना फैसला सुनाया. इससे पहले प्रशांत भूषण से कोर्ट ने माफी मांगने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया था. 25 अगस्त को शीर्ष अदालत से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने आग्रह किया कि भूषण को न्यायपालिका की आलोचना करने वाले अपने ट्वीट्स पर अवमानना के लिए दंडित करके शहीद न बनाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को दी जाने वाली सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. मामले में पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने पूछा था कि वह माफी क्यों नहीं मांग सकते? सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ उनके ट्वीट को लेकर आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था.
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वह सहानुभूतिशील विचार करें और भूषण को माफी दे दें. इसके जवाब में अदालत ने कहा था कि प्रशांत भूषण ने अभी तक माफी नहीं मांगी. इसके अलावा अपने बचाव में दायर हलफनामे में भी उन्होंने अपमानजनक टिप्पणी की है.
दरअसल, भूषण ने अपने ट्वीट्स के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि अदालत उन्हें जो भी सजा दे वह भुगतने को तैयार हैं. वहीं, वेणुगोपाल ने पीठ से भूषण को दंडित नहीं करने का आग्रह किया था और कहा की उन्हें चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए. इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने जवाब दिया था, "अगर भूषण जी को कोई आभास नहीं हो रहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है, तो आपको क्या लगता है कि ऐसी सलाह क्या काम करेगी?"
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First published: 31 August 2020, 12:29 IST