सुप्रीम कोर्ट: 20 फीट तक ही रहेगी दही-हांडी की ऊंचाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर महाराष्ट्र में 20 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर दही-हांडी को नहीं रखा जाएगा. महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव काफी मशहूर है.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की गुजारिश को खारिज करते हुए फैसला सुनाया है. दरअसल महाराष्ट्र सरकार चाहती थी कि दही-हांडी उत्सव के दौरान मानव पिरामिड की ऊंचाई 25 फीट तक करने की छूट दी जाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि मानव पिरामिड की ऊंचाई को लेकर कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. अदालत ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है.
Height of human pyramid can't exceed limit of 20 ft in Dahi-Handi function post SC rejects plea seeking modification of restriction
— ANI (@ANI_news) August 24, 2016
नाबालिगों पर रोक
17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दही-हांडी उत्सव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस आयोजन में नाबालिगों के हिस्सा लेने पर रोक लगाते हुए कहा कि 18 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग ही इसमें शामिल हो सकेंगे.
इसके साथ ही दही-हांडी उत्सव के दौरान मानव पिरामिड की ऊंचाई पर भी सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों का पिरामिड 20 फीट से ऊपर नहीं होना चाहिए.
महाराष्ट्र में दही-हांडी के दौरान मानव पिरामिड की ज्यादा ऊंचाई से गिरने पर लोगों के चोट लगने के बहुत से मामले सामने आते रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र सरकार ने जन्माष्टमी पर दही-हांडी उत्सव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सरकार ने पूछा था कि मानव पिरामिड निर्माण में 18 साल से कम उम्र के बच्चे हिस्सा ले सकते हैं या नहीं.
साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने उत्सव के दौरान मानव पिरामिड की ऊंचाई पर भी सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी थी.
दरअसल, 29 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट से इस बारे में स्पष्टीकरण ले. हाई कोर्ट में स्वाति पाटिल नाम की महिला ने अवमानना याचिका दाखिल की थी.
अर्जी में कहा गया कि दही-हांडी के आयोजक हाई कोर्ट के अगस्त 2014 के फैसले का उल्लंघन कर रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि दही हांडी की ऊंचाई 20 फीट से ज्यादा नहीं हो सकती.
मानव पिरामिड की ऊंचाई का मामला
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11अगस्त 2014 में अपने आदेश में कहा था कि दही-हांडी उत्सव में मानव पिरामिड बनाने में 18 साल से कम उम्र के बच्चे हिस्सा नहीं ले सकते हैं और पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ज्यादा नहीं हो सकती.
बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्सव आयोजकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2014 को अंतरिम फैसला सुनाया था. इस आदेश में कहा गया था कि दही-हांडी उत्सव में मानव पिरामिड के निर्माण में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
बेहद लोकप्रिय उत्सव
हालांकि आदेश में पिरामिड की ऊंचाई को लेकर कोई सीमा नहीं तय की गई थी. दही-हांडी का उत्सव हर साल भगवान कृष्ण के जन्मदिन जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित होता है.
इस उत्सव के दौरान मानव पिरामिड बनाए जाते हैं और ऊंचाई पर बंधे दही से भरे मिट्टी के बर्तन को तोड़ा जाता है. यह महाराष्ट्र का एक बेहद लोकप्रिय आयोजन है.