केंद्रीय चुनाव आयोग ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा को 'होल्ड' किया

केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तारीख़ घोषित करने से पहले पांच राज्यों के शिक्षा बोर्ड उनसे मश्विरा करें. चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत सभी पांच राज्यों के शिक्षा बोर्डों को यह निर्देश दिया है. मकसद यह है कि कहीं विधानसभा चुनावों और बोर्ड परीक्षाओं की तारीख़ आपस में टकरा ना जाएं जिसका असर बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा के नतीजों पर दिख सकता है.
अटकलें तेज़ थीं कि उत्तर प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं 16 फ़रवरी से शुरू होंगी जो राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से टकरा सकती हैं. केंद्रीय आयोग ने इसीलिए यह कदम उठाया है. उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
इन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल 18 मार्च 2017 से 27 मई 2017 के बीच ख़त्म हो रहा है. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग इन राज्यों में चुनावों की तारीख़ जनवरी के दूसरे हफ़्ते में जारी कर सकता है और मतदान की तारीख़ फ़रवरी से मार्च के बीच हो सकती है.
इससे पहले गुरुवार दोपहर यूपी बोर्ड की सचिव शैल यादव ने 2017 की बोर्ड परीक्षाएं 16 फरवरी से होने का ऐलान किया था और हाईस्कूल की परीक्षा 6 मार्च तक पूरी करने का कार्यक्रम था. इसी तरह 12वीं यानी इंटरमीडिएट की परीक्षा 16 फरवरी से 20 मार्च तक तय थीं. इस बार 10वीं और 12वीं की परीक्षा में 60,29,252 बच्चे हिस्सा लेंगे.
इस निर्देश के बाद यूपी के चुनाव अधिकारी टी. वेंकटेश, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार और शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग से मुलाक़ात करेंगे. इसके बाद ही बोर्ड परीक्षा की तारीख़ पर स्थिति साफ़ हो पाएगी.