इस शाही महल में रहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया,लगा है 3500 किलो का झूमर,महल की खासियत सुनकर होश उड़ जाएंगे

सिंधिया ( scindia ) राज घराना ग्वालियर में आज भी अपने राजमहल के लिए लोगों के बीच जाना चाहता है. इस राज महल के आधे हिस्से को म्यूजियम का रूप दे दिया गया है. लेकिन इसके कुछ हिस्से में अभी भी सिंधिया परिवार राज करता है. आज हम आपको बताएंगे इस राज घराने की खासियत के बारे में जिसके कारण आज भी देश और विदेश से लोग इस राज महल का दीदार करने आते हैं.
ग्वालियर (gwalior) के इस राजघराने का नाम जयविलास पैलेस (Jai Vilas Palace)है. इस पैलेस को श्रीमंत जयाजी राव सिंधिया ने वर्ष 1874 में बनवाया था. ये पूरा राज महल तकरीबन 40 एकड़ में बना हुआ है. इस पैलेस का जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम वाले हिस्से को वर्ष 1964 में लोगों के लिए खोल दिया गया था.

इस राज महल को सैकड़ों की संख्या में विदेशी कारीगरों ने बनाया था. इस पूरे महल में 400 कमरे हैं. इन कमरों में खास बात ये है कि इनकी दीवारों में सोने और चांदी से कारीगरी की गई है. इसी के साथ ये आपको जानकर हैरानी होगी की महल की दीवारों में सोने का पेंट करवा गया है. इस राज घराने में 3500 किलो के दो झूमर लगवाए लए हैं.इसके पीछे की कहानी ये बताई जाती है कि जब ये झूमर लगवाई गई थी उससे पहले छत पर 10 हाथियों को 7 दिनों तक चढ़ाए रखा था. जिससे कि महल की छत कितनी मजबूत है इसका अदांजा लग सकें.

महल में खाना खाने के लिए एक डाइनिंग टेबल मौजूद है. इस डाइनिंग टेबल पर ट्रेन से खाना परोसा जाता है. जानकारी के मुताबिक जयविलास पैलेस की कीमत 1874 में 200 मिलियन डॉलर थी. इस पैलेस का निर्माण सर माइकल फिलोसे ने किया था. जिन्हें नाइटहुड की उपाधि दी गई थी.

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ( jyotiraditya scindia) ने अपने पिता माधवराव की प्लेन क्रैश में मृत्यु के बाद राजनैतिक कुर्सी संभाल ली थी. खास बात ये है कि सिंधिया परिवार हमेशा से ही जनसंघ से जुड़ा रहा. बाद में चल कर यही पार्टी बीजेपी में तब्दील हो गई. लेकिन माधवराव सिंधिया ने अपने परिवार वालों के खिलाफ जाकर कांग्रेस ज्वॉइन की थी. लेकिन हालही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वॉइन कर ली.
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First published: 12 March 2020, 15:12 IST