Farmers Protest : मीटिंग में सरकार ने मानी किसानों की दो मांगे लेकिन इन दो बड़े मुद्दों को लेकर आंदोलन अभी भी जारी

प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई छठे दौर की बैठक में दो मुद्दों पर सहमति बन गई है. ये दोनों मुद्दे पावर सब्सिडी और पराली को लेकर हैं. हालांकि दो सबसे बड़ी मांगों पर गतिरोध जारी है. इन मुद्दों पर आगे की चर्चा 4 जनवरी को अगली बैठक में होगी. बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा ''आज विज्ञान भवन में किसान आंदोलन में शामिल नेताओं के साथ बैठक हुई. बैठक में किसान यूनियन के नेताओं ने जो 4 विषय चर्चा के लिए रखे थे, उनमें से 2 विषयों पर आपसी सहमति सरकार और किसान यूनियनों के बीच हो गई हैं.''
उन्होंने कहा ''पर्यावरण से संबधित अध्यादेश है उसमें पराली और किसान सम्मिलित हैं. उनकी शंका थी किसान को इसमें नहीं होना चाहिए. इसपर दोनों पक्षों में सहमति हो गई है'''. मंत्री ने कहा ''इलेक्ट्रिसिटी एक्ट जो अभी आया नहीं है, उन्हें लगता है यह एक्ट आएगा तो इससे किसानों को नुकसान होगा. सिंचाई के लिए जो बिजली की सब्सिडी दी जाती है वो राज्य जिस प्रकार से देते रहे है, वैसे ही चलनी चाहिए. इसपर भी सरकार और किसान यूनियनों के बीच सहमति हो गई है.''
तोमर ने कहा ''कार्यसूची में 4 विषय थे, इनमें से 2 पर रजामंदी हो गई है. इससे दोनों पक्षों में एक अच्छा माहौल बना. किसान यूनियन 3 क़ानूनों को वापिस लेने की बात करती रही हैं. हमने ये बताने की कोशिश की है कि जहां समस्या है, वहां सरकार विचार करने को तैयार है.'' उन्होंने कहा ''क़ानून के विषय में और MSP के विषय में चर्चा पूरी नहीं हुई है, चर्चा जारी है. हम लोग 4 तारीख (4 जनवरी 2021) को 2 बजे फिर से इकट्ठा होंगे और चर्चा को आगे बढ़ाएंगे.
बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा ''हम कुछ तो संतुष्ट है. दो मांगों को मान लिया गया है. अगली बैठक में हम MSP और 3 क़ानूनों को लेकर सरकार से बात करेंगे. कल की ट्रैक्टर रैली को हमने स्थगित कर दिया है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा. किसानों का आन्दोलन अभी भी जारी है.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में युवा बाइक से दिल्ली की ओर जा रहे हैं.'' राजधानी के चारों ओर तापमान शून्य होने के साथ किसान नेताओं से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को घर भेजने का आग्रह किया गया है. हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली के बाहरी इलाके में 35 सीधे दिनों के लिए डेरा डाला हुआ है.
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