Ganesh Chaturthi 2020 : आज भी इस गुफा में रखा है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर, जानिए इससे जुड़ा हुआ रहस्य

सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भघवान गणेश की पूजा की जाती है. वरना वो पूजा अधूरी मानी जाती है. भगवान गणेश को गजानन के नाम से भी जाना जाता है क्योकि उनका सिर हाथी का है जबकि शरीर किसी इंसान की तरह है. ये तो सभी जानते हैं कि गणेश जी का सिर कटने के बाद उन्हें हाथी का सिर लगाया गया था, लेकिन क्या आपको मालूम है कि गणेश जी का असली मस्तक कहां हैं.?
ये सुनकर आपको थोड़ा अचंभा जरूर होगा कि भगवान सिर का असली सिर आज भी एक गुफा में मौजूद है. कहा जाता है कि भगवान शिव ने गुस्से में आकर भगवान शिव का सिर काट दिया था, उसे उन्होंने एक गुफा में रख दिया था. इस गुफा को लोग पालाल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है.
यहां गणेश भगवान को आदि गणेश नाम से जाना जाता है. मान्यता के मुताबिक इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी. ये गुफा उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

कहा जाता है कि गुफा में मौजूद गणेश भगवान के सिर की रक्षा खुद शिव भगवान करते हैं. यहां गणेश के कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल के रूप की एक चट्टान है. यहा इंस ब्रह्मकमल से भगवाम गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है. मुख्य बूंद गणेश भगवान पर गिरती है. कहा जाता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था.
बताते चलें इस गुफा में काफी अंधेरा रहता है. हालांकि अब यहां लाइटिंग करवा दी गई है. इस गुफा के अंदर घुसते ही एक कमरा नजर आता है. जिसमें 33 हजार देवी देवताओं की मूर्तियां हैं. साथ ही यहां पर बहता हुआ पानी भी है.
Janmasthtami 2020: व्रत के दौरान करें इन चीजों का करें सेवन, बनी रहेगी शरीर में फुर्ती
First published: 13 August 2020, 10:30 IST