गूगल सीईओः एंट्री लेवल स्मार्टफोन की कीमतें 2,000 रुपये तक लाने की जरूरत

भारत में पैदा हुए दुनिया की दिग्गज कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में स्मार्टफोन की शुरुआती रेंज 2,000 रुपये से शुरू किए जाने की जरूरत है. इससे लोग आसानी से इंटरनेट इस्तेमाल कर सकेंगे और डिजिटल सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे.
आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र सुंदर पिचाई ने आईआईटी के ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में वहां के 3,500 छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अब जब देश डिजिटल इकोनॉमी का ग्लोबल प्लेयर बन गया है, गूगल का पूरा ध्यान स्थानीय भाषाओं के सपोर्ट और कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में है.
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उन्होंने कहा, "मुझे सस्ते स्मार्टफोन, एंट्री लेवल स्मार्टफोन देखना बहुत अच्छा लगेगा. मुझे लगता है कि भारत में एंट्री लेवल के स्मार्टफोन की कीमतों को अभी और नीचे लाने की जरूरत है, शायद यह 30 अमेरिकी डॉलर (करीब 2,000 रुपये) हो."
इससे पहले 2014 में गूगल ने एंड्रॉयड वन प्रोग्राम पेश किया था जिसके लिए उसने कई मोबाइल निर्माताओं से हाथ मिलाया. इसका मकसद भारत जैसे उभरते बाजारों में अच्छी गुणवत्ता वाले लेकिन कीमत के लिहाज से लोगों की आसान पहुंच में आने वाले एंड्रॉयड डिवाइसों का निर्माण करना था. इस पार्टनरशिप के साथ माइक्रोमैक्स, कार्बन और स्पाइस ने कुछ हैंडसेट पेश भी किए थे.
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उस वक्त पेश किए गए स्मार्टफोन 6,399 रुपये या इससे ज्यादा कीमत के थे. लेकिन उसके बाद से तमाम अच्छे फीचर्स वाले स्मार्टफोन इससे भी कम कीमत में बाजार में आए. इस वक्त 1,000 रुपये से भी कम कीमत में स्मार्टफोन उपलब्ध हैं लेकिन ठीक-ठाक स्मार्टफोन 3,000 रुपये से ऊपर कीमत में मिल रहा है.
सुंदर पिचाई ने कहा इफेक्टिव पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के चलते डिजिटल इंडिया के लिए तमाम प्रोग्राम जारी किए गए. इनमें रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई सेवा के लिए रेलटेल और पेमेंट डिजिटलाइजेशन के लिए एनपीसीआई से पार्टनरशिप भी शामिल थी.
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डिजिटल दुनिया में चीन की बराबरी भारत कब कर सकेगा, सवाल के जवाब में पिचाई ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत डिजिटल इकोनॉमी की दिशा में ग्लोबल प्लेयर बनेगा.
उन्होंने कहा, "मैं पूर्ण विश्वास के साथ यह मानने के लिए तैयार हूं कि भारत डिजिटल इकोनॉमी की दिशा में दुनिया में एक ग्लोबल प्लेयर बनेगा और डिजिटल इकोनॉमी में दुनिया के किसी भी देश से प्रतिस्पर्धा करने योग्य होगा."
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कनेक्टिविटी आश्चर्यजनक रूप से महत्वपूर्ण है और गूगल इंटरनेट सारथी जैसे कई प्रोग्राम पर काम कर रहा है. इंटरनेट सारथी के जरिये विशेषरूप से ग्रामीण इलाकों के लोगों को इंटरनेट पर शिक्षित किया जाए ताकि वो ऑनलाइन आ सकें.
इसके साथ ही पूरी जनसंख्या में अंग्रेजी बोलने वालों की तादाद काफी कम है. इसलिए अन्य भाषाओं में गूगल काम करे, इस पर ज्यादा ध्यान है.