सावधान: आपके कंप्यूटर पर नजर रखने के लिए इन 10 एजेंसियों से जासूसी कराएगी मोदी सरकार !

देश की सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकता है. इसके लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को 10 केन्द्रीय एजेंसियों को देश में चल रहे किसी भी कंप्यूटर में सेंधमारी कर जासूसी करने की इजाजत दी है. हालांकि सरकार के इस आदेश के बाद बवाल मच गया है.
गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर की जासूसी करेंगे.
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सरकार के इस आदेश पर बोलते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मोदी सरकार ने सरकारी आदेश के जरिए देश में सभी कंप्यूटर की जासूसी का आदेश दे दिया है. क्या केन्द्र सरकार इस फैसले से ‘घर-घर मोदी’ का अपना वादा निभा रही है. 1984 में आपका स्वागत है."
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इसे लेकर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार मौलिक आधिकारों का हनन कर रही है. वह चुनाव हारने के बाद अब आपके कंप्यूटर को स्कैन और जासूसी करने पर उतर आई है. सुरजेवाला ने कहा अबकी बार, निजता पर वार! कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता की जासूसी मोदी सरकार की निन्दनीय प्रवृत्ति है. 'बिग ब्रदर सिंड्रोम' वास्तव में एनडीए के डीएनए में समाहित है.
इस पर सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हर भारतीय को अपराधी की तरह क्यों देखा जा रहा है? सरकार ने देश के हर कंप्यूटर पर केंद्रीय एजेंसियों के द्वारा नजर रखने का जो आदेश है वह पूरी तरह से असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि ये टेलीफोन टैपिंग दिशा-निर्देशों और गोपनीयता को उल्लंघन करने वाला निर्णय है.