इस वजह से खतरे में है दिल्ली के सभी फिटनेस सेंटर, जल्द बंद हो जाएगा आपके मोहल्ले का जिम

सुप्रिम कोर्ट की एक समिति ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 12 अगस्त 2008 के बाद खोले गए फिटनेस सेंटर जिम और योग-ध्यान केंद्रों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. जिसके चलते सारे जिम मालिक परेशान हैं. जिम मालिकों का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तो हम सब बेरोजगार हो जाएंगे. इसीके साथ सारे जिम मालिक पीएम मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट के भी खिलाफ है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध जताते हुए जिम मालिको का कहना है कि जिम स्वस्थ रहने में मदद देते हैं. दिल्ली के एक जिम के मालिक पारस गुप्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के आदेश में कहा गया है कि जिम केवल डीडीए मार्केट और मॉल में हो सकते हैं.
इस जिम में हम ग्राहकों से प्रतिमाह केवल बारह सौ रुपये लेते हैं. फिर भी हमसे वो डिस्काउंट के लिए कहते हैं. यदि जिम मॉल में खोले जाते हैं तो उन्हें ज्यादै पैसे देने होंगे और जिम खोलने वालों को भी अधिक रेंट देना होगा. ऐसे में देखा जाए तो बारह सौ रुपये फीस देने वाले को तीन या चार हजार रुपये का भुगतान कैसे करेंगे.
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इसके साथ ही पारस गुप्ता ने ये भी कहा कि दिल्ली में तकरीबन पांच हजार जिम है. जो एससी के आदेश के बाद बंद हो जाएंगे. जिसके चलते बहुत लोग बेरोजगार हो जाएंगे.गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति का दिशा-निर्देश दिल्ली मास्टर प्लान 2021 पर आधारित है.
इसमें केवल मॉल और डीडीए के कमर्शियल प्लॉट पर ही फिटनेस सेंटर खोलने की अनुमति है. 12 अगस्त 2008 के बाद खोले गए और इन नियमों का उल्लघंन करने वाले जिम को 18 अक्टूबर तक बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.
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