हनुमान जयंती में हिंसा रोकने के लिए बंगाल में हथियार के साथ रैली पर बैन

बंगाल रामनवमी उत्सव के दौरान बढ़ती हुई हिंसा के मद्देनजर अगले दो दिनों तक सभी मंदिरों, मस्जिदों और धार्मिक संस्थानों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की है और सशस्त्र रैलियों और जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बीजेपी और विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने हनुमान जयंती के अवसर पर किसी भी बड़ी रैली को नहीं निकालने का फैसला किया है.
दोनों पार्टी और संगठन ने अपने कार्यक्रमों को मंदिर और स्थानीय क्लबों तक सीमित रखने का फैसला किया है. आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर एलएन मीणा ने कहा, 'हमने प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्सों से अतिरिक्त बल बुलवाया है, इस दौरान केवल बिना हथियारों के जुलूस को ही अनुमति होगी.'
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प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य के डीजीपी, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर), गृह सचिव और मुख्य सचिव के साथ बैठक की और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए.
पश्चिम बंगाल में भाजपा के महासचिव सायंतन बासु ने कहा कि हनुमान जयंती पर पार्टी कोई रैली नहीं निकालेगी. वहीं, राज्य वीएचपी अध्यक्ष सचिंद्रनाथ सिंह ने बताया कि हनुमान जयंती पर रैली निकालने से गलत संदेश जाएगा. हालांकि, सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हनुमान जयंती मनाने का फैसला किया है.लेकिन किसी भी तरह के हथियारों के साथ रैलियां नहीं निकाली जाएगी. हिंसा को रोकने के लिए ये कदम उठाया गया है. ताकि स्तिथि को नियंत्रण में रखा जा सके.