स्वास्थ्य मंत्रालय ने 344 दवाओं को प्रतिबंधित किया

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 344 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं के उत्पादन और ब्रिकी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाएं वह होती हैं, जो दो या इससे अधिक दवाओं को मिलाकर बनाई जाती है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि इन दवाओं मानव सेहत को जोखिम है. इसके सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अफसर ने बताया, 'हमने उपलब्ध श्रेष्ठ वैज्ञानिकों से इनके प्रभावों का अध्ययन कराकर इस मसले पर निष्पक्षता बरतने की कोशिश की है.'
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उन्होंने बताया, 'एफडीसी दवाएं बनाने वाले कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें सौंप दिए जाने के बाद उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया है. उनमें से कुछ ने अभी तक जबाव देने की भी जहमत नहीं उठाई. हर किसी को पर्याप्त मौका दिया गया.'
स्वास्थ्य मंत्रालय का आदेश शुक्रवार से ही लागू हो गया था. गजट नोटिफिकेशन सोमवार को प्रकाशित हुआ है. मंत्रालय द्वारा सभी प्रतिबंधित दवाओं की सूची जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी.
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फार्मा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फाइजर ने सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद खांसी की लोकप्रिय दवा कोरेक्स का निर्माण और इसकी ब्रिकी तुरंत प्रभाव से बंद कर दी है. सरकार ने क्लोफेनिरामाइन मेलियट और कोडीन सीरप के निश्चित मात्रा में मिश्रण पर प्रतिबंध लगा दिया था.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एफडीसी दवाओं की पावरफुल एंटीबायोटिक के कॉम्बिनेशन की तरह ब्रिकी होती है. ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं.
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स्वास्थ्य क्षेत्र जुड़े लोग कई बार एंटीबायोटिक कॉम्बिनेशन वाली दवाओं के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल पर चेता चुके हैं. उनका कहना है कि इसके कारण लोगों में एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ प्रतिरोध विकसित हो रहा है.