CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में विपक्षी पार्टियां

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर-तरीकों को लेकर देश के विपक्षी दल उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैंं. इसमें मुख्य भूमिका राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) निभा रही है. NCP नेताओं से बातचीत में पता चला है कि पार्टी ने CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई के लिए प्रकिया शुरू कर दी है. इसके लिए NCP विभिन्न विपक्षी पार्टियों के सासंदों के हस्ताक्षर ले रही है. CJI का कार्यकाल 2 अक्टूबर तक है.
NCP नेता और सीनियर वकील माजिद मेनन ने दावा किया कि कांग्रेस महाभियोग प्रस्ताव के ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर कर चुकी है. फिलहाल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव ड्राफ्ट विपक्षी दलों को बांटा है. एनसीपी के ही नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा, “कई विपक्षी दल CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के ड्राफ्ट पर दस्तखत कर चुके हैं."
Opposition parties begin impeachment process against #cjiindia #DipakMisra #Congress #NCP
— ANI Digital (@ani_digital) March 27, 2018
Read @ANI story | https://t.co/oo7u0xBsVV pic.twitter.com/tFQgnBYqCJ
हालांकि, राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “आज की तारीख में CJI के खिलाफ महाभियोग पर कांग्रेस ने कोई स्टैंड नहीं लिया है." NCP ने भी इस कदम की कोई पुष्टि नहीं की और उसके वरिष्ठ नेताओं ने इसके संबंध में पूछे गए प्रश्नों को टाल दिया.
SP stands with impeachment motion which is about bringing independence & unquestionable integrity to the judiciary: Ghanshyam Tiwari, SP on reports of a draft proposal for moving an impeachment motion against CJI Dipak Misra pic.twitter.com/JhWjU3Q4W6
— ANI (@ANI) March 28, 2018
गौरतलब है कि CJI के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसी को लेकर डीपी त्रिपाठी ने कहा यह केवल भ्रष्टाचार नहीं है, आरोप बेहद गंभीर हैं और उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के पत्र से यह प्रकट होता है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरा है. त्रिपाठी ने इस बात की पुष्टि की कि हस्ताक्षर करने वालों में राकंपा, माकपा, भाकपा के सदस्य तथा अन्य लोग हैं.
ये है नियम
नियम के मुताबिक, CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए लोकसभा में 100 तथा राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी हैं.