SC के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ संसद में आज आ सकता है महाभियोग प्रस्ताव

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ आज संसद में महाभियोग प्रस्ताव आ सकता है. चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए जरूरी 50 सांसदों के हस्ताक्षरों का दावा नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने किया है. बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर कई आरोप लगाए थे.
जिसके बाद ही कांग्रेस समेत कई पार्टियां चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही हैं. हालांकि इस बात की उम्मीद काफी कम है कि राज्यसभा में इस प्रस्ताव को सभापति को मंजूरी मिलेगी. बता दें कि पहले भी लोकसभा की तरह राज्य सभा की कार्यवाही भी इस सत्र में लगभग पूरी तरह हंगामें की भेंट चढ़ चुकी है.
महाभियोग लाने के लिए 50 सांसदों ने किए हस्ताक्षर
पिछले हफ्ते एनसीपी सांसद माजिद मेनन ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की बात कही थी. उन्होंने दावा किया था कि इसके लिए कई पार्टियों के नेताओं से बात हो गई है और नोटिस पर सांसदों के हस्ताक्षर लेने का काम भी शुरू हो गय है. उनके बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने दावा किया था कि प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 50 सांसदों के हस्ताक्षर ले लिए गए हैं. सोमवार को इसे राज्यसभा में लाया जा सकता है. बताया जा रहा है कि प्रस्ताव के नोटिस पर कांग्रेस के भी कई सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं.
महाभियोग लाने पर कांग्रेस में नहीं एक राय
चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए कांग्रेस का रुख साफ नहीं दिखाई दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के भीतर प्रस्ताव के पक्ष और विरोध में राय बंटी हुई है. राज्य सभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आजाद समेत पार्टी के कई नेता प्रस्ताव लाना चाहते हैं जबकि कपिल सिब्बल जैसे नेता अभी तक प्रस्ताव को लेकर ज्यादा सकारात्मक नहीं दिखाई दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इसकी दो प्रमुख वजहें हैं.
पहली ये कि महाभियोग प्रस्ताव को लेकर पूरे विपक्ष में फिलहाल एकजुटता नहीं दिखाई पड़ रही है. लगभग सभी मुद्दों पर साथ रहने वाली डीएमके और टीएमसी इस मुद्दे पर साथ नहीं है तो तटस्थ रहने वाली बीजेडी दीपक मिश्रा के ओड़िया पृष्ठभूमि के चलते अपने हाथ खींच चुकी है.
वहीं दूसरी ये कि पार्टी को इस कदम के सियासी नुकसान की संभावना का भी आकलन करना पड़ रहा है. दरअसल जस्टिस मिश्रा अयोध्या केस की सुनवाई कर रहे हैं. पार्टी को डर है कि उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को बीजेपी कहीं अयोध्या से जोड़ कर मुद्दा न बना ले.
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First published: 2 April 2018, 10:45 IST