चीन सीमा पर भारत तैनात करेगा ब्रह्मोस मिसाइल

मोदी सरकार ने सेना के उस अनुरोध को मंजूरी दे दी है, जिसमें सेना ने चीन की सीमा पर सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के तैनाती की मांग की थी.
खबरों के मुताबिक पीएम की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमिटी ने ब्रह्मोस + रेजिमेंट के तैनाती को हरी झंडी दी है.
इस रेजिमेंट में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के अलावा 100 मिसाइलें, 12x12 हैवी ड्यूटी ट्रक पर 125 मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर और मोबाइल कमांड पोस्ट है. इस रेजिमेंट की लागत 4300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
290 किमी तक मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस एक नॉन न्यूक्लियर मिसाइल है, जिसे रूस के सहयोग से विकसित किया गया है. आक्रामक क्षमता के कारण यह भारतीय सेना की पहली पसंद है.
ब्रह्मोस मिसाइल को भारतीय सेना के सैन्य बेड़े में साल 2007 में शामिल किया गया था. भारतीय सेना के पास मौजूदा समय में ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम के तीन रेजिमेंट हैं, जिसमें ब्लॉक एक और ब्लॉक दो मिसाइलों से छोटे टारगेट को आसानी से निशाने पर लिया जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल अपने साथ 300 किलोग्राम तक विस्फोटक लेकर दुश्मन पर हमला कर सकती है.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई ने हाल में ब्रह्मोस के साथ सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी. इस उड़ान के साथ ही भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी सेना बन गई है, जिसके जंगी बेड़े में सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल भी तैनात हैं. भारत के पास अब जल, थल और आकाश से परमाणु हमला करने में क्षमता हासिल हो चुकी है.
ब्रह्मोस को पनडुब्बी, युद्धपोत, जमीन और विमान से छोड़ा जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल ताकतवर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो परमाणु बम को भी ढोने में पूरी तरह से सक्षम है.