मोदी के भाषण के बहिष्कार के डर से सरकार ने स्थगित किया भारतीय श्रम सम्मेलन

केंद्र सरकार ने 'भारतीय श्रम सम्मेलन' को स्थगित कर दिया है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना था. माना जा रहा है कि यह फैसला केंद्रीय व्यापार संघों के बहिष्कार के डर से स्थगित किया गया है. केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को सभी केंद्रीय व्यापार संघों से कहा कि ''भारतीय श्रम सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया है असुविधा को खेद है''.
प्रधानमंत्री मोदी तीन साल के अंतराल के बाद इस 'श्रम संसद' सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए तैयार थे. इस 47वें सम्मलेन को 26 फरवरी और 27 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जाना था, जिसमे ट्रेड यूनियन और नियोक्ता श्रमिकों को रोजगार और सामाजिक सुरक्षा कवरेज को लेकर चर्चा करनी थी.
बीएमएस ने दी थी धमकी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध 'भारतीय मजदूर संघ' ने इस महीने के शुरूआत में भारतीय श्रम सम्मेलन के बहिष्कार की धमकी दी थी. बीएमएस ने कहा था कि उनकी मांगों को 2018-19 के केंद्रीय बजट में पूरा नहीं किया गया है. साथ ही अन्य ट्रेड यूनियन भी इसी तरह की कार्रवाई पर विचार कर रहे थे क्योंकि श्रम और रोजगार मंत्रालय ने सम्मेलन के लिए कांग्रेस-संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय व्यापार संघ कांग्रेस (इंट्यूक) को आमंत्रित नहीं किया था.
इस महीने की शुरुआत में गुजरात में हुई अपनी कार्यकारी समिति की बैठक में बीएमएस ने फैसला किया था कि अगर उनकी मांग 25 फरवरी तक पूरी नहीं हुई तो वह सम्मेलन का बहिष्कार करेंगे. व्यापार संघ ने सरकार से 1 फरवरी को बजट में घोषित प्रस्तावों की समीक्षा करने के लिए कहा था. बीएमएस की मांग थी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलना चहिये. साथ ही उनकी मांग जीएसटी को लेकर भी थी.
बीएमएस ने यह भी कहा था कि सम्मलेन स्थल पर श्रमिक मुद्दों को हल करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए विशाल प्रदर्शन होगा. बीएमएस के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने कहा "हमारे साथ जुड़े सभी वर्कर आज भी एक काला दिन देख रहे हैं. लेकिन सरकार ने अब तक हमारी मांगों पर हमारे साथ कोई चर्चा नहीं की है."
अन्य ट्रेड यूनियन ने 12 फ़रवरी को श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार को लिखा था कि सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय व्यापार संघ कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया है.
First published: 20 February 2018, 13:34 IST