भारतीय सेना के जवानों ने 18 चीनी जवानों की तोड़ दी थी गर्दन, चारों तरफ पड़े हुए थे चीनी सैनिकों के शव- मीडिया रिपोर्ट

भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इस हिंसक झड़प में 35-40 के बीच चीनी सैनिकों के मरने या घायल होने की खबर थी, लेकिन चीन की सरकार ने इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया था. हालांकि,चीन ने यह बात जरूर मानी थी कि उसके सैनिक मारे गए है.
वहीं अब एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि भारतीय जवानों ने चीन सेना के खिलाफ हुई खूनी जंग में खतरनाक तरह से काउंटर अटैक किया था. खबर की मानें, तो इस दौरान भारतीय जवानों ने 18 चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़कर उनको मार दिया था जबकि कई चीनी सैनिकों के चेहरों को पत्थर से कूच दिया था, जिसके कारण उन चीनी सैनिकों की पहचान भी नहीं हो पा रही थी.
डेक्कन क्रॉनिकल अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सैनिकों के सूत्रों के हवाले से अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सैनिक और चीनी सैनिकों की झड़प वाली जगह पर चीनी सैनिकों के शव पड़े हुए थे. इस दौरान दोनों सेनाओं ने एक दूसरे पर पत्थर फेंके.
खबर में दावा किया गया है कि जब 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू चीनी सैनिकों के अधिकारियों से बात कर रहे थे तो इस दौरान यह बातचीत तीखी बहस में बदल गई और चीनी सैनिकों ने कर्नल संतोष बाबू पर हमला कर दिया. कर्नल संतोष बाबू पर हुए हमले के बाद सैनिक भड़क गए और वो चीनी सैनिकों पर टूट पड़े.
भारतीय सैनिकों ने इस दौरान 18 चीनी जवानों की गर्दन की हड्डी तोड़ दी थी. कई चीनी सैनिकों के शवों की पहचान नहीं हो पा रही थी. इसके बाद अगले दिन जब सुबह हुई तब चीनी सैनिकों के शव चारों तरफ दिखाई पड़े रहे थे. भारतीय सैनिकों ने इसके बाद अगले दिन चीनी सेना को उनके शव लौटाएं.
वहीं न्यूज एंजेसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, 15 जून की शाम चीनी और भारतीय सेना के अधिकारियों की बैठक में यह तय हुआ कि चीनी सैनिक जो भारत की तरफ आगे आए हैं उन्हें पीछे वापस जाना होगा. इस मीटिंग के बाद 16 बिहार रेजिमेंट को इस बात की जिम्मेदारी दी गई कि वो उस इलाके को खाली कराए, जिसके बाद बिहार रेजिमेंट के कुछ जवानों को चीनी ऑबजर्वेशन पोस्ट पर भेजा गया, जहां पर 10-12 चीनी सैनिक मौजूद थे.
रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद जब बिहार रेजिमेंट के सैनिक के सामने चीनी सैनिकों ने ऑबजर्वेशन पोस्ट खाली करने से मना कर दिया था, तो उसके बाद जवान वापस लौटे और बाकी यूनिट को यह जानकारी गई. इसके बाद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू करीब 50 जवानों के साथ चीनी जवानों के पास पहुंचे. इस दौरान वहां पर चीन के करीब 300-350 चीनी जवान पहुंच गए थे.
खबर में दावा किया गया है कि इस झड़प में भारत के करीब 100 जवान शामिल थे जबकि चीन के 350 जवान शामिल थे, लेकिन फिर भी भारतीय सेना चीनी जवानों पर भारी पड़ी और उन्हें खदेड़ दिया.
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