IS माड्यूल: पूरे भारत को उड़ाने की फिराक में थे आतंकी, NIA ने नहीं पकड़ा होता तो देश भर में आ जाती तबाही

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एनआईए ने एक दिन पहले दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन ISIS के नए मॉड्यूल का खुलासा किया था. इसके लिए NIA ने कई इलाकों में छापेमारी की थी. इसके बाद 10 संदिग्ध धराए गए थे. तीन-चार महीने पहले बने इस मॉड्यूल के पास से ऐसी-ऐसी चीजें बरामद हुई हैं जिसे देखकर लगता है कि अगर उनका मिशन सक्सेसफुल हो जाता तो पूरे देशभर में तबाही आ जाती.
इस माड्यूल ने देश में भीड़भाड़ समेत अहम ठिकानों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर हमले की तैयारी कर रखी थी. इसके लिए मॉड्यूल ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक इकट्ठे कर लिए थे. 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' नामक इस मॉड्यूल पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है. NIA ने उत्तर प्रदेश के 11 और दिल्ली के छह ठिकानों पर छापे मारकर 10 लोगों को गिरफ्तार किया.
एनआईए के आईजी और प्रवक्ता आलोक मित्तल ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि पकड़े गए आईएसआईएस मॉड्यूल के सदस्य कई जगहों पर सीरियल धमाके करने की साजिश रच रहे थे. वे फिदायीन हमले की भी तैयारी कर रहे थे. मित्तल ने बताया कि उन लोगों ने बम बनाने का काफी सामान जमा किया था. इसमें सभी आरोपी 20 से 30 साल की उम्र के हैं.
इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड मुफ्ती मोहम्मद सुहैल है, जो यूपी के अमरोहा का निवासी है. वह जिले की एक मस्जिद में मौलवी है. फिलहाल वह दिल्ली के जाफराबाद में रह रहा था और अपनी टीम के लोगों को हथियार, विस्फोटक और दूसरी चीजें खरीदने के लिये प्रेरित कर रहा था.
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NIA की छापेमारी के दौरान अनस युनुस ,राशिद जाफर रक, सईद ,रईस अहमद, जुबैर मलिक, जैद मलिक,साकिब इफ्तेकार,मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद आजम को गिरफ्तार किया गया. इनमें से दो भाई सईद और रईस ने आईईडी और पाइप बम बनाने के लिये 25 किलोग्राम विस्फोटक खरीदा था. इन दोनों की रॉकेट लांचर बनाने में मुख्य भूमिका थी.
छापेमारी में इनके पास से 25 किलोग्राम पोटैशियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर और सुगर मैटेरियल पेस्ट के साथ-साथ 112 अलार्म घड़ी, मोबाइल फोन सर्किट, बैटरी, 51 पाइप, कार का रिमोट कंट्रोल, वायरलेस डोरवेल स्वीच, स्टील कंटेनर, तार, 91 मोबाइल फोन और 134 सिम कार्ड बरामद किये गए हैं.
एनआईए ने बताया कि अगर उनका यह मंसूबा सफल हो जाता तो देशभर में तबाही आ जाती. सुहैल के साथ गिरफ्तार जाफराबाद का रहने वाला 24 साल का अनस युनुस नोएडा के एमेटी यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग का छात्र है और इसने माड्यूल के लिए इलेक्ट्रानिक सामान, बैटरी और रिमोट कंट्रोल खरीदने में अहम भूमिका निभाई थी.