जेएनयू प्रशासन ने 33 साल पुराने गंगा ढाबा को बंद करने का दिया आदेश

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने कैंपस में पिछले 33 साल से चल रहे गंगा ढाबे को बंद करने का आदेश दिया है. इस संबंध में जेएनयू प्रशासन की ओर से बताया गया है कि वह जल्द ही गंगा ढाबा की जगह नया ढाबा खोलने के लिए टेंडर निकालेगा. इसलिए गंगा ढाबा को बंद किया जा रहा है.
इसके साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह भी कहा है कि कैंपस में कई वर्षों से यह ढाबा गैरकानूनी तरीके से चलाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि साल 1985 से चल रहा गंगा ढाबा पहले तेजबीर सिंह ने नाम पर अलॉट था.
उनकी मौत के बाद पत्नी सुमन के नाम पर ट्रांसफर हुआ फिर उनके निधन के बाद बेटे भरत तोमर इसे चला रहे हैं. इस मामले में ढाबे के मालिक भरत तोमर ने बताया कि उन्हें ढाबा बंद करने का नोटिस भी प्रशासन की ओर से मिल चुका है.
फैसले के खिलाफ उतरे छात्र
इस बीच जेएनयू प्रशासन के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. जेएनयू के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने शुरू कर दिए हैं. छात्रों का कहना है कि यह केवल ढाबा नहीं है, बल्कि छात्रों के बीच विचारों के आदान-प्रदान का भी अड्डा है.
छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह ढाबे को बंद करने के साथ कई चीजों को भी जेएनयू कैंपस से बाहर करना चाहते हैं. साथ ही छात्रों का यह भी कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन तानाशाह तरीके से छात्रों को रात 9 बजे के बाद हॉस्टल में बंद कर देना चाहता है, जबकि ज्यादातर छात्र गंगा ढाबे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं और देश-विदेश के मुद्दों पर चर्चा करते हैं.
फिलहाल जेएनयू कैंपस में गंगा के साथ-साथ बाकी सभी ढाबे 24 घंटे खुले रहते हैं.