जयेंद्र सरस्वती की महासमाधि की प्रक्रिया शुरू, लाखों श्रद्धालुओं का तांता

कांची कामकोटि पीठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की महासमाधि की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उनके अंतिम दर्शन के लिए लाखों लोगों की भीड़ मौजूद है. महासमाधि संस्कार में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी समेत दक्षिण की कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं.
गौरतलब है कि कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु जयेंद्र सरस्वती का 82 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया था. काफी समय से वे बीमार चल रहे थे. बुधवार की सुबह सांस लेने में तकलीफ होने के चलते उन्हें कांची कामकोठि पीठम द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर उनका देहावसान हो गया था.
Kanchipuram: Tamil Nadu governor Banwarilal Purohit pays tribute to Kanchi Sankara Mutt head #JayendraSaraswathi who passed away yesterday. pic.twitter.com/X6DZ87Mudb
— ANI (@ANI) March 1, 2018
देहावसान के बाद श्रद्धालुओं के अंंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को मठ में रखा गया है. जयेंद्र सरस्वती को साल 1994 को चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती के निधन के बाद कांची कामकोटि पीठम का 69वां शंकराचार्य बनाया गया था.
जयेंद्र सरस्वती का जन्म 18 जुलाई, 1935 को तत्कालीन तंजावुर जिले में हुआ था. उनके बचपन का नाम सुब्रह्माण्यम महादेवन था. 22 मार्च, 1954 को जगद्गुरु चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती ने उनको अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और जयेंद्र सरस्वती नाम दिया.
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मठ के प्रबंधक सुंदरेश अय्यर ने बताया कि गुरुवार को चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती की समाधि के बगल में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. जयेंद्र सरस्वती के बाद विजयेंद्र सरस्वती कांची पीठ के नए शंकराचार्य होंगे.
कैसे दी जाएगी समाधी
धार्मिक संस्कार सुबह सात बजे अभिषेकम के साथ शुरू हुआ. अभिषेकम के बाद आरती होगी. देश भर से वैदिक पंडित सभी चार वेदों से मंत्रों का उच्चारण करेंगे और एक विशेष पूजन भी किया जाएगा. बाद में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के पार्थिव शरीर को मुख्य हॉल से निकालकर वृंदावन एनेक्सी ले जाया जाएगा जहां श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती को समाधि दी गई थी.
बेंत की एक बड़ी टोकरी में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के पार्थिव शरीर को बैठी हुई मुद्रा में डालकर सात फुट लंबे और सात फुट चौड़े गड्ढे में नीचे उतारा जाएगा. समाधि देने से जुड़ी व्यवस्था से जुड़े मठ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि समाधि देने के लिए गड्ढा तैयार है और पार्थिव शरीर को उसमें नीचे उतारकर उसके ऊपर शालिग्राम रखा जाएगा.
First published: 1 March 2018, 10:47 IST