कन्हैया की 'फेवरेट पार्टी' तो अब संसद में सिंगल डिजिट में है: वेंकैया नायडू

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है यदि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की दिलचस्पी राजनीति में है, तो उन्हें अपनी 'पसंदीदा पार्टी'
में शामिल हो जाना चाहिए, 'जिसकी नुमाइंदगी अब संसद में सिंगल डिजिट में है.'
कन्हैया जिस संगठन एआईएसएफ से जुड़े हैं वो सीपीआई का छात्र संगठन है. संसद में सीपीआई के मात्र दो सांसद हैं. एक लोक सभा में और दूसरा राज्य सभा में.
सीपीआई के एक मात्र लोक सभा सांसद सीएन जयादेवन हैं. जो केरल के तृश्शुर से चुनाव जीत कर सदन में पहुंचे हैं.
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राज्य सभा में सीपीआई के एक मात्र सांसद पार्टी महासचिव डी राजा हैं. जो तमिलनाडु से राज्य सभा सांसद हैं. राजा जयललिता की एआईडीएमके समर्थन से उच्च सदन में पहुंचे हैं.
केंद्रीय मंत्री नायडू ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि कन्हैया मुफ्त में प्रचार का आनंद ले रहे हैं. नायडू ने कहा कि यूनिवर्सिटी के छात्रों को राजनीति करने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.
गुरुवार को जेएनयू अघ्यक्ष कन्हैया कुमार छह महीने की सशर्त अतंरिम जमानत पर जेल से रिहा हुए. रिहाई के बाद जेएनयू में उन्होंने भारी संख्या में मौजूद छात्रों के सामने भाषण दिया. अपने भाषण में उन्होंने नरेंद्र मोदी, स्मृति ईरानी, बीजेपी और आएसएस पर निशाना साधा था.
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कन्हैया को दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह के आरोप में 12 फरवरी को जेएनयू कैंपस से गिरफ्तार किया था.
कन्हैया के भाषण को गैर-बीजेपी पार्टियों के नेताओं का काफी समर्थन मिला. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कन्हैया की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि यह 'प्रतिभाशाली' युवा नेता उन लोगों से ज्यादा राष्ट्रवादी हैं, जो उन पर देशद्रोह के आरोप लगा रहे हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि 'मैंने आपको कितनी बार बोला मोदी जी, कि छात्रों से मत उलझो. मोदी जी ने ध्यान ही नहीं दिया.

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाषण इस बात का 'प्रमाण' है कि जेएनयू के छात्र एक बेहतर भारत बनाने की मांग कर रहे हैं और वे भारतीय गणतंत्र के धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक चरित्र की हिफाजत करने वाले 'सच्चे सिपाही' हैं.
कन्हैया के भाषण की तारीफ करते हुए जेडीयू प्रमुख शरद यादव ने कहा कि हमारे देश में ज्यादा से ज्यादा 'कन्हैया कुमार' होने चाहिए 'ताकि लोग बेखौफ जी सकें और बेखौफ सो सकें, क्योंकि वह सच्चे राष्ट्रवादी हैं और देशद्रोही नहीं है, जैसा भाजपा ने उनके बारे में दुष्प्रचार किया.'