कन्हैया कुमार: अब पीएचडी की बजाय राजनीति ज्यादा जरूरी

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस के कार्यक्रम में कहा कि अब उन्हें अपनी पीएचडी पूरी करने के बजाए राजनीति कहीं ज्यादा जिम्मेदारी से करनी है.
कार्यक्रम में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि बीते दिनों राष्ट्रीय घटनाक्रम में जेएनयू के छात्रों पर न सिर्फ राष्ट्रविरोधी का ठप्पा लगा दिया गया, बल्कि पूरी यूनीवर्सिटी पर ही इस तरह के मनगढ़ंत और झूठे आरोप मढ़ दिए गए हैं.
कन्हैया ने कहा, "हम पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि हमारे ऊपर करदाताओं का धन खर्च किया जा रहा है, हमारी पीएचडी समय सीमा में नहीं पूरी होती है और हमें पढ़ने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. इन्ही सब सवालों को देखते हुए मुझे लगता है कि अब मेरे लिए पीएचडी से ज्यादा जरूरी राजनीति हो गई है."
कन्हैया कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार भारत में उच्च और प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद करने में लगी हुई है. कुमार ने कहा कि भारत में आजादी के बाद से अब की बनी सभी केंद्र सरकारों ने देश की शिक्षा व्यवस्था को केवल बर्बाद करने का ही काम किया है.
कन्हैया ने कहा, "सरकारों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि शिक्षा व्यवस्था लोगों को असहमति और सवाल पूछने का हक प्रदान करती है. उसके बाद वो छात्र नहीं रहते हैं, बल्कि संभावित तौर पर राजनैतिक विरोधी हो जाते हैं."
कन्हैया कुमार ने कहा कि जो भी यूनीवर्सिटी अपने छात्रों को असहमति की इजाजत नहीं देती है, वह यूनीवर्सिटी नहीं जेल है. वर्तमान केंद्र सरकार केंद्रीय विश्वविद्यालयों को जेल बनाने में लगी हुई है.
कन्हैया ने कहा, "मानव संसाधन मंत्रालय यूनीवर्सिटी के फंड में कटौती कर रहा है. मंत्रालय की ओर से फेलोशिप के लिए मना किया जा रहा है और जो भी उनके आदेश को नहीं मानता है, उसे राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है."