कठुआ गैंगरेप: पिता ने की मांग, मासूम के कातिलों को मिले ऐसी सजा...

जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक 8 साल की मासूम के साथ हैवानियत की हद पार करने वाले दरिंदों के खिलाफ पीड़िता के पिता का बयान आया है. बकरवाल समुदाय की 8 साल की छोटी बच्ची जो कि स्थानीय नफरत और हैवानियत का शिकार हो गयी, इस दरिंदगी पर पूरे देश में रोष है.
मीडिया से बात करते समय मासूम के पिता का दर्द छलक उठा. उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटी को हर दिन याद करते हैं. उन्होंने मांग की कि उनकी बेटी के कातिलों को मौत की सजा दी जाए. कातिलों के लिए उन्होंने फांसी की सजा की मांग की है.
I miss my daughter everyday. Those responsible for killing my daughter should be hanged till death: Father of #Kathua rape and murder victim pic.twitter.com/OGSVdRWxfq
— ANI (@ANI) April 13, 2018
गौरतलब है कि नौ मार्च को इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पन्नों की चार्जशीट फाइल की गई थी. जिसके बाद जनवरी में हुई ये घटना सबके सामने आई. अपनी आठ साल की बेटी को खोने वाली पिता ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, 'मैं अपनी बेटी को हर दिन याद करता हूं. जो उसे मारने के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए.'
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समुदाय को हटाने की साजिश के तहत मासूम को हैवानियत का बनाया शिकार
चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी. इसमें कठुआ स्थित रासना गांव में देवीस्थान, मंदिर के सेवादार को अपहरण, बलात्कार और हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.
सांझी राम के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा , मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू , राम का किशोर भतीजा और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा कथित तौर पर शामिल हुए. चार्जशीट में जांच अधिकारी ( आईओ ) हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्त भी नामजद हैं जिन्होंने राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लिए और अहम सबूत नष्ट किए.
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गौरतलब है कि इसी वर्ष 10 जनवरी को रसाना गांव से बच्ची रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी. उसका शव सात दिन बाद साथ लगते जंगल से बरामद हुआ था. बकरवाल मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता दस जनवरी को यहां से 90 किलोमीटर दूर कठुआ के रासना गांव के पास के जंगलों में बने अपने घर से गायब हो गई थी. एक सप्ताह बाद उसका शव पास के इलाके से मिला था और मेडिकल जांच में यौन उत्पीड़न का पता चला था. शुरूआती जांच में पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा था.
सरकार ने 23 जनवरी को यह मामला राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा था, जिसने 8 साल की बच्ची के अपहरण और हत्या में कथित संलिप्तता को लेकर एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) को गिरफ्तार किया था.
First published: 13 April 2018, 14:29 IST