9 साल बाद जेल से रिहा कर्नल पुरोहित सेना की गाड़ी में बैठकर रवाना

साल 2008 में हुए मालेगांव धमाके के मुख्य आरोपी कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित बुधवार को नवी मुंबई की तालोजा जेल से रिहा हो गए हैं. कर्नल पुरोहित इस केस में 9 साल से जेल में बंद थे. कर्नल पुरोहित को लेने के लिए सेना के कई अधिकारी जेल में पहुंचे थे.
कर्नल पुरोहित सेना की तीन गाड़ियों के साथ तालोजा जेल से रवाना हुए. पुरोहित रिहाई के बाद सीधे कोलाबा में मिलिट्री इंटेलिजेंस की अपनी यूनिट में पहुंचे. वहां से सेशंस कोर्ट पहुंचे और फिर पुणे स्थित अपने घर.
#WATCH: Lt Col Shrikant Prasad Purohit released from Taloja jail in Navi Mumbai #MalegaonBlastCase pic.twitter.com/LLjfAuFuwu
— ANI (@ANI) August 23, 2017
दरअसल पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को ही बेल मिली थी. कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं. पुरोहित ने सत्र न्यायालय के बाहर पत्रकारों से कहा था कि मैं अपनी वर्दी पहनना चाहता हूं. यह मेरी त्वचा की ऊपरी परत है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कर्नल पुरोहित ने कहा था कि वो पिछले आठ सालों से जेल में बंद है. 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरेहित की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले की एक अन्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी थी.
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और 101 लोग घायल हुए थे. महाराष्ट्र एटीएस ने अपनी जांच में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में जांच एनआईए को दे दी गई.
एनआईए ने अपनी जांच के बाद 13 मई 2016 को दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मामले में मकोका लगाने का आधार नहीं होने की बात कहकर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलने लायक सबूत नहीं होने दावा किया था.
पुरोहित ने बॉम्बे हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दी. हाईकोर्ट में भी जांच एंजेसी एनआईए ने कर्नल पुरोहित की अर्जी का विरोध किया था, जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
First published: 23 August 2017, 14:04 IST