रोजगार संकट की चुनौती से निपटने के लिए मोदी सरकार ने किया दो समितियों का गठन

मोदी सरकार अब इस बात को मान रही है कि धीमी अर्थव्यवस्था और रोजगार का मुद्दा अन्य मुद्द्दों पर भारी पड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत नई सरकार ने बुधवार को मंत्रिमंडल की दो नई समितियों का गठन करने का फैसला किया. इनमे से एक निवेश और विकास पर और दूसरी रोजगार कौशल विकास पर ध्यान देगी. अब सरकार की ओर से एक आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सरकार के स्रोतों ने इस निर्णय की पुष्टि की है. रिपोर्ट के अनुसार मंत्रियों के समूह ने मंगलवार को इन समितियों के गठन और आगे बढ़ने के एजेंडे पर चर्चा की.
गौरतलब है कि मोदी सरकार के लिए धीमी अर्थव्यवस्था एक चुनौती बनी हुई है. खासकर पिछले वित्त वर्ष के दौरान जब जीडीपी विकास दर मूल अनुमान के 7 प्रतिशत से नीचे 6.8 प्रतिशत पर आ गई. हर तिमाही में विकास दर क्रमिक रूप से कम थी, पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2019) में यह सिर्फ 5.8 प्रतिशत थी, जो कि 20 तिमाहियों में सबसे कम थी. पिछले कई वर्षों से बड़े बैड लोन से परेशान बैंकों की स्थिति ख़राब बनी हुई है.
ग्रोथ एंड इन्वेस्टमेंट की कैबिनेट कमेटी में पांच सदस्य होंगे और इसमें अमित शाह (गृह), नितिन गडकरी (सड़क, परिवहन और राजमार्ग और एमएसएमई), निर्मला सीतारमण (वित्त और कॉर्पोरेट मामले) और पीयूष गोयल (रेलवे और उद्योग और उद्योग) शामिल होंगे. ये मंत्रालय बुनियादी ढांचा क्षेत्रों और ग्रीनफ़ील्ड परियोजनाओं में बड़े निजी निवेशों को आकर्षित करने, व्यापार करने में आसानी और बेहतर निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
पिछले समय में विकास की धीमी गति का असर नौकरियों पर भी पड़ा है. 2017-18 के लिए बेरोजगारी की दर आवधिक श्रम बल अध्ययन के अनुसार, 6.1 प्रतिशत थी, जो पिछले चार दशकों में सबसे अधिक थी. रोजगार और कौशल विकास पर कैबिनेट समिति समग्र रूप से कौशल और नौकरियों की समस्या का समाधान करने का प्रयास करती है.
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First published: 6 June 2019, 8:30 IST