सिमी संदिग्धों के कथित एनकाउंटर पर एनएचआरसी का पुलिस और एमपी सरकार को नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भोपाल में प्रतिबंधित सिमी संगठन के आठ लोगों के पहले जेल से भागने और बाद में पुलिस द्वारा उनको एनकाउंटर में मार गिराए जाने के दावों को लेकर नोटिस जारी किया है.
मारे गए सभी आठ कैदी भोपाल की आईएसओ 9001-2000 से प्रमाणित सेंट्रल जेल को तोड़कर फरार हुए और उसके बाद पुलिस के द्वारा मुठभेड़ में मारे गए थे.
इस विवादास्पद मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खुद संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत चार अधिकारियों को नोटिस भेजकर छह हफ्ते में जवाब मांगा है.
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के डीजीपी ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन की भी बात कही है. इस एसआईटी में सीआईडी के एसपी अनुराग शर्मा, एक डीएसपी और चार इंस्पेक्टर मामले की जांच करेंगे.
इस बीच राज्य के गृहमंत्री ने साफ़ कर दिया है कि एनआईए की जांच मुठभेड़ पर नहीं बल्कि कैदियों के फरार होने पर केंद्रित रहेगी.
कैदियों के जेल से भागने और उनके मुठभेड़ के मामले में शिवराज सरकार पूरी तरह से फंसती नजर आ रही है और विपक्ष ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं.
विपक्ष कैदियों के भागने से लेकर उनके मारे जाने तक की पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग कर रहा है. वहीं सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष की इस मांग और बयानबाजी को ओछी राजनीति करार दिया है.
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा था कि इस बात की भी अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए कि आखिर मुस्लिम कैदी ही जेल तोड़कर क्यों भागते हैं, हिंदू क्यों नहीं?