अखिलेश यादव ही होंगे यूपी में सपा का सीएम चेहरा

समाजवादी पार्टी में मचे अंदरूनी घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव ने यू टर्न लेते हुए कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ही सपा की ओर से सीएम पद का चेहरा होंगे. इससे पहले मुलायम ने कहा था कि विधायक दल की बैठक में ही नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा.
मुलायम के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश यादव के चेहरे के साथ सपा विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेगी. इससे पहले लखनऊ में सपा सुप्रीमो के आवास पर बैठक में सीएम अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव शामिल हुए.
माना जा रहा है कि अखिलेश और शिवपाल के बीच सुलह के लिए यह बैठक बुलाई गई थी. करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में चुनावी रणनीति और 9 नवंबर से शुरू हो रही मुलायम संदेश यात्रा पर चर्चा की गई.
इस बैठक से पहले ही सपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया कि अखिलेश यादव ही पार्टी का चेहरा होंगे और सपा उनके नाम पर ही चुनाव में उतरेगी.
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पिछले हफ्ते के अपने रुख को पलटते हुए सोमवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री तथा उनके पुत्र अखिलेश यादव की पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे.
पार्टी के महासचिव किरणमय नंदा ने कहा, "मुलायम सिंह यादव सितंबर में ही अखिलेश के नाम का एलान कर चुके हैं. नेताजी के कहने पर ही दोबारा इसका एलान किया जा रहा है, क्योंकि मीडिया में इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है."
नंदा ने कहा कि भ्रम मीडिया में है, पार्टी और लोगों में नहीं. समाजवादी पार्टी चुनाव में जीतेगी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनेंगे.
The confusion is in media, not within party or people; SP will win and Akhilesh Yadav will become CM: Kiranmoy Nanda, SP pic.twitter.com/9B60xlicTM
— ANI UP (@ANINewsUP) October 17, 2016
वाराणसी से मुलायम संदेश यात्रा का आगाज
इसके साथ ही किरणमय नंदा ने कहा, "पार्टी मुलायम संदेश यात्रा निकालने जा रही है, जिसमें साफ तौर पर अखिलेश का चेहरा आगे होगा. इस संदेश यात्रा की शुरुआत वाराणसी से की जाएगी. पार्टी औपचारिक तौर पर 5 नवंबर को अपना रजत जयंती वर्ष मनाने जा रही है, जिसमें मुलायम सिंह यादव अखिलेश के नाम का औपचारिक तौर पर एलान करेंगे."
गौरतलब है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. ऐसे में मुलायम संदेश यात्रा को वहीं से शुरू करके मतदाताओं को खास संदेश देने की तैयारी है.
लंबे अरसे से अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच जंग के दौरान पिछले हफ्ते मुलायम सिंह ने कहा था विधानसभा चुनाव 2017 के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं किया गया है, और उसका फैसला जीत के बाद पार्टी विधायक करेंगे.
यही नहीं मुलायम ने विवाद के बाद अखिलेश से प्रदेश अध्यक्ष का पद छीनते हुए शिवपाल को कमान सौंप दी थी. इन सबके बीच सपा में दो फाड़ साफ नजर आने लगा था. ऐसे में मुलायम का यह कदम विवाद का पटाक्षेप करने की कोशिश माना जा रहा है.
रामगोेपाल का मुलायम को खत
रामगोपाल यादव ने भी अखिलेश के समर्थन में मुलायम को पत्र लिखकर चेताया था. इस खत में रामगोपाल ने लिखा, "अखिलेश निःसंदेह इस समय राज्य के सबसे लोकप्रिय नेता हैं, और उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व विकास परियोजनाओं को फलीभूत होते देखा है. यदि पार्टी को चुनाव में जीत हासिल करनी है, तो अखिलेश को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करना ही चाहिए."
वहीं कुछ ही दिन पहले शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आपत्ति के बावजूद कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में करवाया था. सपा में विवाद की शुरुआत भी इसी विलय को लेकर हुई थी. पहले इस विलय को अखिलेश के विरोध के बाद रद्द कर दिया गया था. हालांकि जब पिछले महीने शिवपाल प्रदेश अध्यक्ष बने तो एक बार फिर कौमी एकता दल के विलय का रास्ता साफ हो गया.