मुलायम सिंह: अयोध्या गोलीकांड में 16 जानें गईं, 30 भी जातीं तो मंजूर था

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में 1990 में हुए गोलीकांड पर एक बार फिर बयान दिया है. मुलायम ने कहा कि पुलिस की फायरिंग में 16 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अगर ज्यादा जानें भी जातीं तो उन्हें मंजूर था.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुलायम सिंह ने कहा, "कहते हैं कि अयोध्या में गोली चलने से 16 जानें गईं, अगर 30 भी जातीं तो देश की एकता और अखंडता के लिए मुझे मंजूर था."
लखनऊ में मुलायम सिंह ने कहा, "अयोध्या में एकता बचाने के लिए गोली चलानी पड़ी थी. गोली चलवाने के बाद मेरी आलोचना हुई थी, मुझे मानवता का हत्यारा कहा गया था.
'तो मुसलमानों का भरोसा उठ जाता'
मुलायम सिंह ने आगे कहा, "सोलह की मौत हुई थी, एकता बचाने के लिए सोलह की जगह तीस जानें भी लेनी पड़ती तो भी लेता. गोली नहीं चलती, तो मुसलमानों का देश पर से भरोसा उठ जाता, देश सबका है."
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव को अयोध्या गोलीकांड में हुए विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. इस घटना के बाद 1991 की राम लहर और ध्रुवीकरण वाले माहौल में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार उत्तर प्रदेश में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी.
Kehte hain Ayodhya mein goli chalne se 16 jaane gayi, agar 30 bhi jati toh desh ki ekta ke liye mujhe manzoor tha: Mulayam Singh Yadav
— ANI UP (@ANINewsUP) August 27, 2016
26 साल बाद जताया था अफसोस
इस साल 25 जनवरी को सपा सुप्रीम मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उन्हें अयोध्या में बाबरी विध्वंस के दौरान कार सेवकों पर गोली चलवाने का दुख है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि धर्मस्थल को बचाने के लिए उनका यह फैसला जरूरी था.
बिहार के पूर्व सीएम और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर लखनऊ में सपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा, "1990 में उन्होंने अयोध्या में कार सेवकों के ऊपर गोलियां चलवाई थी, जिसका उन्हें दुख है."
2 नवंबर 1990 को फायरिंग
2 नवंबर 1990 को जब कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने की कोशिश की थी, तब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे. बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कार सेवकों पर पुलिस ने फायरिंग की थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फायरिंग में 16 लोग मारे गए थे.
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में कहा था कि अगर और भी जानें जातीं, तब भी वह धर्मस्थल को बचाते. उन्होंने कहा, "इसी वजह से बाद में मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था."
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा तूल पकड़ने के आसार हैं.
First published: 27 August 2016, 4:23 IST