नोटबंदी की भेंट चढ़ा एक और मासूम, मुंबई के अस्पताल ने नहीं लिया 500 का नोट, नवजात ने तोड़ा दम

मोदी सरकार द्वारा काले धन और जाली करेंसी रोकने के लिए की गई नोटबंदी का खामियाजा आम इंसान को उठाना पड़ रहा है.
सरकार के तमाम दावों के बावजूद देश भर में प्राइवेट अस्पताल पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट लेने से इनकार कर रहे हैं. इसी तहर का एक दुखद वाकया सामने आया, जब मुंबई के एक प्राइवेट नर्सिंग होम की डॉक्टर ने नवजात शिशु का इलाज करने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि उसके माता-पिता के पास 500 के पुराने नोट थे.
इलाज न हो पाने के कारण बच्चे की हालत बिगड़ गई और इससे पहले उसे किसी और अस्पताल ले जाया जाता उसकी मौत हो गई.
वहीं, इस मामले में जानकारी मिलने के बाद महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री डॉ दीपक सावंत ने कहा कि जो भी लोग घटना में दोषी पाये जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें शिकायत मिलती है तो उसे महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल को भेजा जाएगा और कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
घटना के बारे में मृत बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि गोवंडी के जीवन ज्योत हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने उसका इलाज करने के लिए इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि उसके माता-पिता के पास सिर्फ 500 रुपये के ही नोट थे.
बताया जा रहा है कि समय पर इलाज न मिलने के कारण अगले दिन बच्चे ने दम तोड़ दिया. उसके बाद बच्चे के पिता जगदीश शर्मा जब शुक्रवार को शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो उन्हें एक लेटर लिखने की सलाह दी गई, जिसे बाद उस लेटर को महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल को भेजने की बात कही गई.
हालांकि दूसरी तरफ अस्पताल की ओर से डॉक्टर शीतल कामथ ने बच्चे के पिता के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा, "महिला ने 9 नवंबर को घर पर ही बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे का जन्म टॉयलट में हुआ था और उसका वजन 1.5 किलोग्राम था. हमारे पास नवजात बच्चों के लिए आईसीयू की व्यवस्था नहीं है, इसके चलते जच्चा और बच्चा दोनों को सियोन हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया, लेकिन, संभवतः उनके परिजन उन्हें घर ले गए और शायद इसी के चलते बच्चे की हालत बिगड़ गई."