मोदी राज में बेरोजगारों के जल्द आ सकते हैं अच्छे दिन, देश भर में रोजगार सर्वे कराएगी सरकार

देश में बेरोजगारी से परेशान युवाओं के लिए मोदी सरकार मेंं राहत की खबर है. मोदी सरकार जल्द ही देश भर में आर्थिक सर्वेक्षण कराने जा रही है. खबर के अनुसार, यह सर्वेक्षण जून के आखिरी हफ्ते में शुरू हो सकता है. पहली बार यह सर्वेक्षण रेहड़ी-ठेले और अपना रोजगार करने वाले लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कराया जाएगा.
आर्थिक सर्वे के पीछे का मकसद देश में सात करोड़ से ज्यादा असंगठित रोज़गारों की स्थिति 2020, जनवरी तक यानि छह महीने में साफ होना है. इन आंकड़ों के आधार पर मोदी सरकार रोज़गार को लेकर भविष्य की रणनीति तैयार करने पर जोर देगी.
अभी तक रोजगार को लेकर देश में स्थिति स्पष्ट नहीं थी. इस असमंजस की स्थिति को दूर करने के लिए यह सर्वे काफी कारगर साबित होगा. मोदी सरकार ने पहली कैबिनेट की बैठक में आर्थिक सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है. सरकार ने यह फैसला भी लिया है कि जो सर्वे पांच सालों में होता था वह अब हर तीन सालों पर कराया जाएगा.
देश का यह सातवां आर्थिक सर्वेक्षण होगा. हालांकि इस बार का सर्वेक्षण सबसे अनूठा होगा. यह पहली बार होगा जब किसी भी तरह के स्वरोजगार व्यक्ति की गणना की जाएगी. इसके बाद इस डाटा को पूरे देश के सामने पेश किया जाएगा. हर उस व्यक्ति की आर्थिक गणना होगी जो अपने पैरों पर किसी भी तरह से खड़ा है.
सर्वेक्षण के लिए 12 लाख स्पेशलिस्ट लोगों को ट्रेनिंग दिया गया है. इन लोगों को सर्वे के लिए एक प्रोफॉर्मा दिया जाएगा. इसी प्रोफॉर्मा के आधार पर डाटा तैयार कर रोजगार की सही स्थिति के बारे में पता चलेगा. इन सर्वेक्षणकर्ताओं की रिपोर्ट का आकलन NSSO के अधिकारी करेंगे. राज्य सरकार और MSME के अधिकारियों की भी इस काम में सहायता ली जाएगी.
जम्मू-कश्मीर: ईद के दिन भी बाज नहीं आए आतंकी, महिला की गोली मारकर हत्या, लहराए IS के झंडे