NASA को चंद्रमा की सतह पर मिला चंद्रयान-2 का मलबा, तस्वीरें की जारी

Chandrayaan 2: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चंद्रयान-2 का मलबा ढूंढ निकाला है. इसरो के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया था. उसके बाद से इसका कोई पता नहीं चला. करीब तीन महीने बाद नासा ने लैंडर विक्रम को ढूंढ निकाला. नासा ने मंगलवार सुबह अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (LRO) से ली गई तस्वीर जारी की है. जिसमें विक्रम लैंडर से प्रभावित स्थान दिखाई दे रहा है. नासा ने एक बयान जारी कर कहा कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर मिल गया है.
बता दें कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को 6-7 सितंबर की सात करीब डेढ बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी. लेकिन लैंडिंग के कुछ मिनट पहले ही इसका इसरो से संपर्क टूट गया. इसके बाद इसरो ने लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की बहुत कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली. अब करीब तीन महीने बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को लैंडर विक्रम का मलबा मिल गया है.
नासा को विक्रम लैंडर का मलबा चांद की सतह पर तय लैंडिंग साइट से 750 मीटर दूर मिला है. नासा ने तस्वीर में नीले और हरे डॉट्स के जरिए विक्रम लैंडर के मलबे वाला क्षेत्र दिखाया गया है. बयान में नासा ने कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की थी और लोगों को विक्रम लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए बुलाया था. जिसके बाद शनमुगा सुब्रमण्यन नाम के व्यक्ति ने मलबे की सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया.
इसके बाद LORC की टीम ने पहले और बाद की छवियों की तुलना करके लैंडर साइट की पहचान की पुष्टि की थी. शनमुगा ने भी क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में करीब 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान कीहै. यह पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) की स्पष्ट तस्वीर थी. नंवबर मोजेक में इंपैक्ट क्रिएटर, रे और व्यापक मलबा क्षेत्र को अच्छी तरह से दिख रहा है. मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सल के हैं.
The #Chandrayaan2 Vikram lander has been found by our @NASAMoon mission, the Lunar Reconnaissance Orbiter. See the first mosaic of the impact site https://t.co/GA3JspCNuh pic.twitter.com/jaW5a63sAf
— NASA (@NASA) December 2, 2019
हालांकि इससे पहले नासा ने अक्तूबर में एक बयान जारी कर बताया था कि उन्हें ऑर्बिटर से मिले ताजा फोटो में चंद्रयान-2 के लैंडर का पता नहीं चला है. नासा ने कहा था कि हो सकता है जिस समय हमारे ऑर्बिटर ने तस्वीर ली उस समय लैंडर किसी छाया में छिपा होगा. नासा की एक परियोजना के वैज्ञानिक ने बताया था कि हमारे ऑर्बिटर ने 14 अक्तूबर को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडिंग साइट की फोटो ली थी लेकिन वहां हमें ऐसी कोई फोटो नहीं मिली. जिसमें विक्रम लैंडर को देखा जा सके.
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First published: 3 December 2019, 10:10 IST