निर्मल खत्री ने यूपी कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है. हालांकि कांग्रेस चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन करने के मूड में दिख रही थी.
सूत्रों के मुताबिक निर्मल खत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है, जो लिखित रूप में है. बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
Congress UPCC Pres. Nirmal Khatri sends his resignation to Cong Pres. Sonia Gandhi: Sources
— ANI UP (@ANINewsUP) July 12, 2016
ब्राह्मण चेहरे को मिलेगी कमान!
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी चुनाव से पहले ब्राह्मण समुदाय से राज्य के लिए नया कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तलाश रही है. कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने पहले ही संकेत दिया था कि प्रदेश कांग्रेस समिति में बदलाव किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को अपने परंपरागत वोट बैंक ब्राह्मण और मुस्लिम पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है.
इसके बाद ही गुलाम नबी आजाद को यूपी कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया. मीडिया में निर्मल खत्री के इस्तीफे को लेकर पहले ही कयास लगाए जाने लगे थे. खत्री के इस्तीफे के बाद इन सभी अटकलों पर ब्रेक लग गया है.
कौन हैं निर्मल खत्री?
उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले से ताल्लुक रखने वाले निर्मल खत्री साफ-सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं. 70 के दशक में सियासत से जुड़े निर्मल खत्री लंबे अरसे से वकालत के पेशे में रहे हैं.
वे दो बार लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव में निर्मल खत्री ने फैजाबाद लोकसभा सीट से सपा के मित्रसेन यादव के खिलाफ जीत हासिल की थी. इसके अलावा 1984 में फैजाबाद लोकसभा सीट से ही वे 8वीं लोकसभा के सदस्य रहे थे.
निर्मल खत्री 1980 से 1985 तक अयोध्या सीट से आठवीं विधानसभा के भी सदस्य रह चुके हैं. 1982 से 1985 तक वे यूपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.
2012 में रीता बहुगुणा जोशी की ली थी जगह
उनकी अगुवाई में 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहद खराब प्रदर्शन किया. पार्टी को केवल दो सीटों (अमेठी और रायबरेली) पर ही जीत हासिल हुई थी, जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत मिली थी.
2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए रीता बहुगुणा जोशी ने यूपीसीसी (उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी) अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस को राज्य की 403 में से महज 28 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इसके बाद खत्री को कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी.
निर्मल खत्री की नियुक्ति एके एंटनी समिति की रिपोर्ट के बाद हुई थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के लिए इस समिति का गठन किया गया था.
First published: 12 July 2016, 12:38 IST