'निठारी के नरपिशाच' सुरेंद्र कोली को सातवीं बार सज़ा-ए-मौत

नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड से जुड़े सातवें मामले में भी सीबीआई की विशेष अदालत ने सुरेन्द्र कोली को मौत की सजा सुनाई है. अदालत ने धारा 302 के तहत मौत, 364 में दस साल, 376 और 511 में 10 साल, धारा 201 में सात साल की सजा सुनाई है.
विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने सुनवाई की पिछली तारीख पर कोली को दोषी करार दिया था. इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच उसे अदालत में पेश किया गया. दोषी को सजा के बारे में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई. सजा सुनाए जाने के बाद में कोली के चेहरे पर चिंता की लकीरें और परेशानी साफ नजर आई.
कोली पर एक 11 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप है. बीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक जे पी शर्मा ने बताया कि भारत के इतिहास में अपने आप में यह पहला ऐसा मामला है जिसमे किसी मुजरिम को अलग-अलग मामलों में सात बार फांसी की सजा हुई हो.
अभी इस कांड से संबंधित नौ मामले लंबित हैं जिनमें फैसला आना है. सात मामलों में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद आज पहली बार सुरेन्द्र कोली ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उसकी दलीलों को अदालत ने नहीं सुना. इसीलिए उसने सजा के कागजों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.