आप लगा पाएंगे अपने चोरी हुए मोबाइल का पता, ये है मोदी सरकार की नई योजना

देश भर में बड़े पैमाने पर मोबाइल फोन की चोरी पर रोक लगाने के लिए दूरसंचार मंत्रालय एक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) - IMEI डेटाबेस तैयार करने की योजना बना रहा है. इसके लागू होने के बाद भारत में जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल फोन खो गए हैं या चोरी हो गए हैं, वे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद एक हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से दूरसंचार विभाग (DoT) को सूचित कर सकते हैं.
DoT इसके बाद IMEI (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) नंबर को ब्लैकलिस्ट कर सकता है. भविष्य में किसी भी सेल्युलर नेटवर्क को एक्सेस करने से मोबाइल डिवाइस को प्रभावी ढंग से ब्लॉक कर सकता है. ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2019 तक भारत में 1.16 बिलियन वायरलेस सब्सक्राइबर थे. DoT ने जुलाई 2017 में इस परियोजना को लागू करने की अपनी योजना की घोषणा की थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार डीओटी के ज्ञापन ने कहा गया है कि “मोबाइल फोन की चोरी और क्लोनिंग एक गंभीर समस्या बन गई है. मोबाइल फोन की चोरी न केवल एक वित्तीय नुकसान है, बल्कि नागरिकों के निजी जीवन के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है. बाजार में नकली मोबाइल फोन DoT के लिए एक और मुद्दा है. नकली मोबाइल फोन की एक बड़ी संख्या हमारे मोबाइल नेटवर्क में नकली IMEI नंबरों के साथ सक्रिय है ”
भारत में, मोबाइल पहचान संख्याओं की रजिस्ट्री तैयार करने की योजना की कल्पना सबसे पहले राष्ट्रीय दूरसंचार नीति -2018 में की गई थी. परियोजना के लिए एक पायलट पुणे में राज्य के स्वामित्व वाली बीएसएनएल की आईटी परियोजना सेवा इकाई द्वारा विकसित और संचालित किया गया था. 2019-20 के अंतरिम बजट में सरकार ने सीईआरआई परियोजना के लिए DoT को 15 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.
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First published: 20 June 2019, 10:09 IST