बाढ़ के पानी में डूबकर तिरंगे को सलाम ठोकते इस बच्चे को NRC ने किया बाहर

पूरे देश आज 72वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा हुआ है लेकिन पिछले स्वतंत्रता दिवस पर असम के एक प्राइमरी स्कूल में दो बच्चों की तिरंगा को सलाम करते हुए एक फोटो वायरल हुई थी. जिसने सभी के दिल को छुआ था. ये फोटो असम के धुबरी जिले के एक प्राथमिक विद्यालय की थी.
इस फोटो में बाढ़ से स्कूल में सीने तक भरे पानी में खड़े होकर दो बच्चे तिरंगा को सैल्यूट कर रहे हैं उनके साथ स्कूल के टीचर भी मौजूद थे. लेकिन अगर आप उस तस्वीर को इस स्वतंत्रता दिवस पर देखेंगे, तो उसमें से एक बच्चा गायब हो गया है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दो में से एक बच्चे का नाम असम NRC के अंतिम मसौदे में शामिल नहीं है.
9 साल के हैदर खान को NRC के अंतिम ड्रॉफ्ट में शामिल नहीं किया गया है. हालांकि हैदर के परिवार के अन्य सदस्यों का नाम NRC में है. उसकी मां जैगोन खातून, उसके 12 साल के भाई और 6 साल की बहिन का नाम NRC में शामिल है. यहां तक कि उसके दादा का नाम भी एनआरसी में शामिल है. हैदर खान के पिता की साल में 2011 में कोकराझार में हुए संघर्ष में मौत हो गई थी.
NRC में नाम नहीं होने के चलते वो सहमा हुआ था. लेकिन जब उससे अगस्त की बाढ़ के पानी में उसके फोटो के बारे में बात की गई तो वह थोड़ा खुल जाता है. चौथी क्लास में पढ़ाई करने वाले हैदर ने कहा कि सबकुक पानी में डूब गया था. दूसरे छात्र झंडा फहराने के लिए पानी में उतरने से डर गए थे. लेकिन मैं और मेरा दोस्त जियारुल पानी में तैरकर झंडा फहराने वाली जगह पहुंचे. हमने वहां खड़े होकर तिरंगा को सलाम किया. इस फोटो को सबसे पहले स्कूल के एक टीचर मिजानुर रहमान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इसके बाद यह फोटो वायरल हो गई.
वहीं, स्कूल के हेड मास्टर सिकदर ने कहा कि हमने तय किया था कि हमारे कुछ टीचर वहां जाकर तिरंगा फहराएंगे, क्योंकि यह स्कूली बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है. लेकिन जब एक बार ध्वज उठाया गया तो हैदर और जियारुल ने अपने कपड़े उताकर पानी में छलांग लगा दी. वह तैरकर झंडा वाली जगह पर पहुंचे. उन्होंने झंडे का सलाम किया. हैदर की मां और गांव के अन्य लोगों का कहना है कि हैदर का नाम एनआरसीम में शामिल किया जाए. उसको भारतीय नागरिक घोषित किया जाए.
पड़ोस में रहने वाले गांव के एक व्यक्ति ने काह कि हमारे समुदाय के लोगों को अक्सर बांग्लादेशी घुसपैठिया बोलकर प्रताड़ित किया जाता है, लेकिन हम असली देशभक्त हैं. हम भारतीय हैं. हमको उम्मीद है कि हैदर का नाम अंतिम एनआरसी में जरूर शामिल होगा.
हैदर की फैमिली का कहना है कि उन्होंने लोकल NRC सेवा केंद्र में जाकर एक फॉर्म जमा कर दिया है. उन्होंने हैदर का नाम नहीं होने का कारण जानने की मांग की है. केंद्र सरकार ने एक एसओपी दाखिल की है. 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद यह दावों की रूप रेखा स्पष्ट हो जाएगी.
आपको बता दें कि असम NRC का अंतिम ड्रॉफ्ट जारी किया गया है. इसमें 40 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है. इन 40 लाख लोगों में हैदर का नाम भी शामिल है.
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First published: 15 August 2018, 13:02 IST