केरल विधान सभा चुनाव से जुड़ी 10 बातें

केरल में 16 मई को विधान सभा चुनाव होंगे. वर्तमान मुख्यमंत्री ओमन चांडी का कार्यकाल 31 मई 2016 को खत्म हो रहा है.
2011 में हुए चुनाव में कांग्रेसी नेता ओमन चांडी के नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(यूडीएफ) ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट(एलडीएफ) को हराया था. यूडीएफ को 75 और एलडीएफ को 65 सीटों पर जीत मिली थी.
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केरल में कांग्रेस और वामपंथी दलों की स्थिति हमेशा से मजबूत रही है. लेकिन पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने भी राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है.
पढ़िए केरल चुनाव से जुड़ी 10 खास बातें
1- केरल की मुख्य राजनीतिक पार्टियां-
कांग्रेस एवं अन्य दलों का गठबंधन यूडीएफ
सीपीएम एवं अन्य दलों का गठबंधन एलडीएफ
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
बीजेपी
2- केरल में लंबे समय से यूडीएफ और एलडीएएफ सत्ता में हावी रहे हैं. बीजेपी के स्थानीय एझवा समुदाय श्री नारायन धर्म परिपालन (एसएनडीपी) के साथ गठजोड़ के बाद पार्टी को राज्य के पिछडे वर्ग से समर्थन मिलने की उम्मीद है.
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3. अगर यूडीएफ को आगामी चुनाव में जीत मिलती है तो ओमन चांडी एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. एलडीएएफ ने अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. बीजेपी शायद 27 मार्च 2016 को अपने सभी प्रत्याशियों की घोषणा करे. उसने अभी 22 प्रत्याशियों की प्राथमिक सूची जारी की है.
4. बीजेपी ने नवगठित भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) के साथ सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गयी है. समझौते के अनुसार बीडीजेएस राज्य की 140 में से 37 पर चुनाव लड़ेगा.
5. राज्य की सभी 140 सीटों पर एक ही दिन मतदान होगा.
6. राज् की 11 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और दो सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.
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7. राज्य के 12 विधान सभाओं में वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल होगा.
8. चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल 2016 है.
9. 140 सीटों पर मतदान के लिए 12,038 स्थानों पर कुल 21,498 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. राज्य में 500 आदर्श मतदान केंद्र भी बनाए जाएंगे.
10. बीजेपी की 22 प्रत्याशियों की प्राथमिक सूची में राज्य बीजेपी प्रमुख कुम्मनम राजशेखरन का भी नाम है.